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    नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार मोदी सरकार (Modi Goverment) ने ताबड़तोड़ कारवाई करते हुए आज यानी बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। पहले इस संगठन पर दिसंबर तक बैन लगाने की तैयारी थी। वहीं PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का बाकायदा एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है।

    मोदी सरकार ने लगाया बैन 

    इस नोटिफिकेशन के अनुसार, PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI),ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, जैसे सहयोगी संगठनों पर भी अब बैन लगाया गया है।

    मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बीते मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि PFI और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है।  

    इस जारी अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के इरादे से “राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने” की लगातार कोशिश कर रहा है। गृह मंत्रालय ने इस बाबत कहा, “उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है।” 

    कब हुई PFI की स्थापना

    बता दें कि, इससे पहले, देश में आतकंवादी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में 22 सितंबर को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों के अभियान के तहत इसी तरह छापेमारी की गई थी। उस दौरान 15 राज्यों में PFI के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। PFI की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का भी यह दावा करता है। लेकिन अब इसे और इसके जैसे ही 8 और संगठनों को भारत सरकार ने बैन कर दिया है।