
नई दिल्ली: किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने सरकार के प्रस्ताव (Government Proposal) को फिर से ख़ारिज कर दिया है।इसी के साथ सरकार को आग से ना खेलने की चेतावनी भी दी है। बुधवार को सिंघु बार्डर (Singhu Border) पर आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisaan Union) के युधवीर सिंह (Yudhvir Singh) ने कहा, “जिस तरह से केंद्र इस वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर देरी करना चाहती है और किसानों के विरोध का मनोबल तोड़ना चाहती है। सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूँ वह इस मामले को संज्ञान में ले और जल्द ही इसका हल निकाले।”
The way Centre is carrying this process of talks, it’s clear that govt wants to delay this issue & break morale of protesting farmers’. Govt is taking our issues lightly, I’m warning them to take cognizance of this matter & find a solution soon:Yudhvir Singh, Bhartiya Kisan Union https://t.co/JkkfhdMArC pic.twitter.com/AgD9uIIGid
— ANI (@ANI) December 23, 2020
सरकार का पत्र संघों को बदनाम करने की कोशिश
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार को लिखे को पढ़ते हुए पूर्व आप नेता और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा,”यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट ने आज सरकार को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पहले लिखे गए पत्र पर सवाल नहीं उठाना चाहिए क्योंकि यह सर्वसम्मत निर्णय था। सरकार का नया पत्र किसान संघ को बदनाम करने की एक नई कोशिश है।”
United Farmers Front today has written a letter to govt. It states that govt shouldn’t question the letter written by United Farmers’ Front previously as it was a unanimous decision. Govt’s new letter is a fresh attempt to defame farmers’ association: Yogendra Yadav, Swaraj India pic.twitter.com/69MCSyQVw5
— ANI (@ANI) December 23, 2020
खुले मन से चर्चा के लिए तैयार
यादव ने कहा, “सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल भी जुड़े नहीं हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास है। प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सरकार जिस तरह से अपने विपक्ष के साथ व्यवहार करती है।” उन्होंने आगे कहा, “हम केंद्र को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसान यूनियन सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार है। हम खुले दिमाग और साफ इरादे के साथ चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का इंतजार कर रहे हैं।”
We urge the govt not to repeat those meaningless amendments which we have rejected but come up with a concrete proposal in writing so that it can be made an agenda, and the process of negotiation can be started as soon as possible: Yogendra Yadav at Singhu border https://t.co/oAWu3hO97f
— ANI (@ANI) December 23, 2020
सुप्रीम कोर्ट का कहना माने सरकार
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, “हम सरकार से फलदायी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह करते हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित करें। इससे वार्ता को बेहतर माहौल मिलेगा।”