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    नई दिल्ली. भारत सरकार ने 18 महीने के DA एरियर यानि महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के बकाए को लकेर केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा और तगड़ा झटका दिया है।  दरअसल वित्त मंत्रालय (Finance Ministry)की तरफ से राज्यसभा में दी।  इसके साथ ही कर्मचारियों की सारी उम्मीदें भी अब खत्म हो गई हैं।  

    इसके साथ ही मोदी सरकार ने भी साफ कर दिया है कि तीन किस्तों का पैसा अब नहीं दिया जाएगा।  ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।  इसके अनुसार वित्त मंत्रालय ने अब साफ कर दिया है कि, महंगाई भत्ते यानी DA के 18 महीने का बकाया बिल्कुल भी नहीं मिलेगा।

    कोरोना काल का DA डूबा

    जानकारी दें कि, कोरोना काल में DA की तीन किस्त (1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020, 1 जनवरी 2021) को रोक दी गई थी।  इसके बाद सरकार ने जुलाई 2021 में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को बहाल कर दिया था।  लेकिन, इसके साथ बीते 18 महीने के अटकी 3 किस्त के पैसा का कोई भी जिक्र नहीं किया।  

    फिर मोदी सरकार ने बीते 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते में 11% का इजाफा किया।  इसके बाद जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता 17% से बढ़कर 28% पहुंच गया।  हालांकि, मौजूदा वक्त में ये 38% है।  लेकिन, कर्मचारी अब उस 18 महीने का भी पैसा चाहते थे, जिस दौरान महंगाई भत्ता फ्रीज था, यानी कोरोना के समय में। 

    कर्मचारी यूनियन अब करेंगे आंदोलन

    इधर इस मामले को लेकर कर्मचारी यूनियन का कहना है कि महंगाई भत्ता (DA) या महंगाई राहत (DR) कर्मचारी और पेंशनर्स का हक है।  इसे किसी भी प्रकार से रोका नहीं जा सकता।  कोरोनाकाल में कर्मचारियों ने डटकर काम किया।  उनका महंगाई भत्ता (DA Hike) नहीं बढ़ाया गया, फिर भी वे सभी काम पर लगे रहे।  इस खतरनाक कोरोना काल में कई कर्मचारियों और पेंशनर्स की इस दौरान मृत्यु भी हो गई।  सरकार को इस मामले में दूसरे पहलुओं पर भी विचार करना चाहिए।  हालांकि, ऐसे में अब सरकार के साफ इनकार के बाद यूनियन अब आगे आंदोलन की रणनीति बना रही हैं। 

    सरकार को 34,000 करोड़ की बचत

    जानकारी दें कि, सरकार ने जिस अवधि में महंगाई भत्ते (Dearness allowance) को रोका था, उससे सरकार को 34,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।दरअसल अनुमान के मुताबिक केंद्र सरकार के पेंशनर्स के लिए DR और कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) के एरियर की कुल राशि करीब 34,000 करोड़ रुपए है।