गांधीनगर: मोरबी (Morbi) में केबल ब्रिज (Cable Bridge) गिरने से अब तक 141 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। करीब 177 लोगों को बचा लिया गया है। 19 लोगों का इलाज चल रहा है। सेना, नौसेना, वायु सेना, NDRF, फायर ब्रिगेड तलाशी अभियान चला रही है। भारतीय सेना के मेजर गौरव (Major Gaurav) ने बताया कि बचाव कार्य जारी है। रात करीब तीन बजे भारतीय सेना यहां पहुंच गई थी। हम शवों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। NDRF की टीमें भी बचाव अभियान चला रही हैं। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी(Home Minister Harsh Sanghvi) मोरबी घटनास्थल पर मौजूद हैं। बचाव अभियान जारी है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। रेंज IGP के नेतृत्व में आज से जांच शुरू हो गई है। CM ने अहमदाबाद से रवाना होते हुए कल ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था। विभिन्न स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को सुबह दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है, जांच चल रही है। अब तक कुल 141 लोगों की मृत्यु इस हादसे में हुई है। नेवी, NDRF, वायुसेना और सेना तेजी से पहुंच गई, पूरी रात (खोज और बचाव कार्यों के लिए) 200 से अधिक लोगों ने काम किया है।
#MorbiBridgeCollapse | Indian Army teams deployed in Morbi, Gujarat carried out search and rescue operations for survivors of the mishap. All three defence services have deployed their teams for search operations: Defence officials pic.twitter.com/tfEjCW3MhE
— ANI (@ANI) October 31, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात में कल की घटना में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। सबसे पहले मैं दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। जिन लोगों की मृत्यु हुई है उन्हें शांति मिले।
एक चश्मदीद ने बताया की शाम 6-6:30 में पुल गिरा, कई लोग पानी में गिरे कई लोगों ने ब्रिज में लगे जाल को पकड़ कर बचने की कोशिश की। कई बच्चों, महिलाओं को मैं खुद अस्पताल लेकर आया, एक महिला थी जो गर्भवति थी उन्हें भी अस्पताल लाया लेकिन उनकी मृत्यु हो गई।
बता दें कि दीवाली के एक दिन बाद ही इस पुल को मरम्मत के बाद जनता के लिए खोला गया था। इस पुल की मरम्मत में दो करोड़ रुपये की लागत की बात भी सामने आ रही है। मरम्मत के बाद खोले जाने के पांच दिन के भीतर ही इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद पुल की मरम्मत करा रही और पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी निभा रही ओरेवा कंपनी की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।