नयी दिल्ली/पंजाब. जहाँ एक तरफ मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कानूनों (Farm Laws) के चलते, देश के किसानो का आंदोलन (Farmers Protest) आज 34 वे दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं किसान आंदोलन की यह व्यापक मार अब पंजाब में खड़े मोबाइल टावरों पर पड़ रही है। अब तक की आई रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में अभी 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, वहीं कई मोबाइल टावरों की तो बिजली भी काट दी गई तो कई जगह तार के बंडलों को ही जला दिया गया है।
इस मुद्दे पर कहा जा रहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और उनके सहयोगी मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे पहले किसानों पर रिलायंस पेट्रोल पंप, रिलायंस रिटेल पर भी अपना गुस्सा उतारने का बड़ा आरोप लगाया गया था। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से पंजाब में मोबाइल टावर की पावर काटने, बिजली के तार काटने की घटनाएं अब सामने आ रही हैं। किसानों के बीच यह धारणा बन गयी है कि नए कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा फायदा भारत के बड़े उद्योगपति जैसे मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की फर्मों को होगा, इसलिए इन कंपनियों के संसाधन ही अब किसानों के कोप का भाजन बन रहे हैं ।
वहीं समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक बीते शनिवार तक 1411 मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया था सोमवार को ये आंकड़ा 1500 से भी पार हो गया है। इधर खबर आ रही है कि जालंधर में जियो की तारों का जला दिया गया था। राज्य में जियो के 9000 मोबाइल टावर हैं। ज्यादातर टावरों की पावर सप्लाई बंद की जा रही है। एक स्थान पर तो कुछ लोग मोबाइल टावर के लिए लगे जेनेरेटर को भी खींच कर ले गए।
Punjab: Locals of Ekta Nagar near Moga vandalised a mobile tower in support of farmers protesting against Centre’s farm laws, last night. Police say, “We are verifying facts of the incident. The farmers have condemned this act. They are not supporting such actions.” pic.twitter.com/rHRm5UUMJU
— ANI (@ANI) December 28, 2020
गौरतलब है कि मोबाइल टावरों पर तोड़-फोड़ की घटनाओं के बाद अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने एक्शन अवतार में नजर आए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में अराजकता या किसी निजी या सार्वजनिक संपत्ति के विनाश को किसी भी तरह से सहन नहीं किया जाएगा। CM अमरिंदर सिंह का यह भी कहना था कि राज्य में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर रोक नहीं है लेकिन संपत्ति के नुकसान को किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। अगर हम देखें तो । इंडियन टेलिग्राफ एक्ट 1885 की धारा 25 के मुताबिक टेलिकॉम संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है। हालाँकि जाब पुलिस ने अबतक किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाई नहीं की है।
Punjab CM Captain Amarinder Singh directs police to take action against those vandalising mobile towers in the state
(file photo) pic.twitter.com/SeScsAtU1y
— ANI (@ANI) December 28, 2020
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह भी कहना था कि इस तरह संचार साधनों को नुकसान पहुंचाना छात्रों, खासकर आने वाले बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले और कोविड महामारी के बीच कारण घर से काम करने वाले विभिन्न पेशेवरों के लिए बहुत नुकसानदायक होगा। उनका यह भी कहना था कि बैंकिंग सेवाएं भी काफी हद तक ऑनलाइन लेनदेन पर निर्भर हैं, मोबाइल में तोड़फोड़ की वजह से इस पर भी असर पड़ रहा है।
#FarmLaws: Central Government calls farmers for meeting on 30th December, 2pm at Vigyan Bhawan in Delhi pic.twitter.com/VqFxj9thZF
— ANI (@ANI) December 28, 2020
बता दें कि, कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसान संगठनों (Farmer Organizations) द्वारा भेजे गए पत्र पर कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने बीते सोमवार को जवाब दिया है। जिसके तहत अब आने वाले 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे राजधानी दिल्ली (Delhi) स्थित विज्ञान भवन (Vigyan Bhavan) में किसानों (Farmer) और सरकार (Central Government) के बीच एक अहम् बैठक होगी। लेकिन इन सबके बीच पंजाब में हो रही इन मोबाइल टावरों की उन्मूलन की घटनाओं से कहीं किसानों और मोदी सरकार के बैठक में व्यवधान न हो इसका भी अब किसान संगठनों को ध्यान रखना होगा।