नई दिल्ली. दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ भारतीय वैक्सीन (Indian Vaccines) दुनिया में मौजूद अन्य वैक्सीन्स के मुकाबले काफी बेहतर साबित हुई है। पश्चिमी देशों में कोरोना की तीसरी लहर ने तांडव मचाया, वहीं भारत (India) में कोरोना के मामले तेजी आई लेकिन मृत्यु दर काफी कम रही। कोरोना की दूसरी लहर में हुई तबाही के बाद केंद्र सरकार ने टीकाकरण पर दिए जोर का असर तीसरी लहर में दिखा। 3 जनवरी से 15-18 वर्ष के युवाओं का टीकाकरण शुरू कर दिया गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, देश में 15-18 वर्ष की आयु के 70 प्रतिशत से अधिक युवाओं को COVID-19 वैक्सीन का पहला डोज लगाया गया है।
सरकार के CoWIN पोर्टल के अनुसार, इस 15-18 वर्ष की आयु वर्ग के कुल 6,69,85,609 युवाओं को अब तक कोविड के टीके लगाए जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दैनिक अपडेट में आज बताया कि 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों को अब तक 5,20,32,858 टीके की पहली खुराक और 1,47,92,245 दूसरी खुराक दी जा चुकी है।
Young India further strengthening the world's largest vaccination drive👦🏻👧🏻
Over 70% of our youngsters between 15-18 age group have received their 1st dose of #COVID19 vaccine.
I appeal to all eligible young friends to get vaccinated at the earliest.#SabkoVaccineMuftVaccine pic.twitter.com/hgpmrYeNW8
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) February 13, 2022
युवा जल्द से जल्द लगाए वैक्सीन: मंडाविया
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने युवाओं से जल्द से जल्द कोरोना का टीका लगाने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “युवा भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को और मजबूत कर रहा है। 15-18 आयु वर्ग के हमारे 70% से अधिक युवाओं ने COVID-19 वैक्सीन की अपनी पहली खुराक प्राप्त कर ली है। मैं सभी योग्य युवा मित्रों से जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील करता हूं।”
कोरोना वैक्सीन की 172.75 करोड़ डोज लगाई गई
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार शाम 7 बजे तक 44 लाख से अधिक वैक्सीन खुराक के साथ भारत की कुल टीकाकरण संख्या 172.75 करोड़ को पार कर गई। मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों (एचसीडब्ल्यू), फ्रंटलाइन वर्कर्स (एफएलडब्ल्यू) और 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को अब तक 1.72 करोड़ से अधिक एहतियाती खुराक (Booster Dose) दी जा चुकी हैं।
बता दें कि देश में सरकार ने ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच 10 जनवरी से ही स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स सहित पोल ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया था।