
नयी दिल्ली. वह कहावत है ना कि, ” लौट के बुद्धू घर को आए” । लेकिन अब यही साब आजकल पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में दिख रहा है। जहाँ पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद, और ममता दी (Mamata Banerjee) के वापस सत्ता में आने से दल-बदल की राजनीति ने बंगाल की राजनीतिक सरगर्मी को अब और भी तेज कर दी है।ऐसे में BJP में करीब 4 साल बिताने के बाद जहाँ मुकुल रॉय (Mukul Roy) के तृणमूल कांग्रेस (TMC) में वापस आने के बाद दल-बदल की राजनीति प्रबल हो गयी है।
इधर अब यह भी खबर है कि, मुकुल रॉय ने पत्रकारों से कहा है कि, “वह कई लोगों (BJP विधायक) के साथ बातचीत में हैं। गौरतलब है कि अब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद BJP में बड़ी टूट की खबरें सामने आ रही हैं। बीते सोमवार को बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी गर्वनर जगदीप धनखड़ से मिलने पहुंचे। तब उनके साथ 77 में से मात्र 51 विधायक ही राजभवन पहुंचे थे । इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य BJP में बगावत के संकेत दे दिया है।
वहीं अब मुकुल रॉय की वापसी के बाद से ही यह माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग BJP से लोग तृणमूल में आएंगे। अब मुकुल भी लगातार BJP नेताओं और आयोजकों के संपर्क में हैं। साथ ही उन लोगों से भी संपर्क साध रहे हैं, जिन्हें वे खुद भी चार साल BJP में रहते हुए तृणमूल से लाए थे।
सूत्रों की यह भी खबर है कि रॉय खुद भी यह मानते हैं कि वे BJP नेताओं से लगातार फोन पर बात कर रहे हैं। बता दें कि 2017 में तृणमूल से BJP में जाने वाले मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांग्शु के साथ अब वापस अपनी ममता दी के पास आए हैं। वहीं CM ममता ने उनकी वापसी पर कहा था कि, अब मुकुल को पार्टी में बड़ा रोल मिलेगा।
क्या है मुकुल की योजना :
इधर मुकुल रॉय के सुपुत्र शुभ्रांग्शु ने मुकुल के प्लान को और विस्तार से बताया है। उनका कहाँ है कि BJP के कम से कम 20 से 25 विधायक और दो सांसद भी वापस तृणमूल में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो BJP ने विधानसभा चुनाव के बाद किया, अब उसका उन्हें जवाब देने का वक्त आ गया है।
शुभ्रांग्शु ने मुकुल के BJP के दौर का जिक्र किया। उन्होंने बताया, ” मेरे पिता तब भारी दबाव में थे। इस दबाव का असर उनकी सेहत पर देखा जा सकता था। उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा भी नहीं लिया, जबकि वे पहले तो ऐसा करते रहे थे। उन्होंने एक दिन मुझसे पूछा कि क्या तुम बीजापुर विधानसभा सीट से जीत सकोगे। उस दिन वो बेहद अपसेट भी दिख रहे थे।”
BJP की भी नजर अपने नेताओं पर टेढ़ी :
वहीं अब मुकुल के तृणमूल में जाने के बाद से ही BJP भी अलर्ट मोड पर है और उसकी नजर अपने नेताओं और विधायकों पर है। BJP की अब यही कोशिश है कि वो अपने नेताओं को वापस पार्टी में ही रखे इसलिए ऐसे नेताओं पर सघन नजर रखी जा रही है, जो पार्टी के कार्यक्रमों से अपनी निश्चित दूरी बनाते दिख रहे हैं। इधर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी में राजभवन में 25 विधायकों की गैरमौजूदगी को भी अब BJP पूरी गंभीरता से ले रही है। जहाँ एक BJP नेता का कहना था कि कुछ विधायक स्वास्थ्य कारणों से नहीं आए और कुछ पहले से ही व्यस्त थे। लेकिन, इनमे से कुछ ने पहले से कोई भी जानकारी नहीं दी थी। फिलहाल जहाँ ममता दी और तृणमूल बंगाल से BJP का सुपदा साफ़ करने के फ़िराक में है। तो वहीं BJP फिलहाल डिफेंस मोड पर आ गयी है।