TVF founder Arunabh Kumar

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    मुंबई: मुंबई की दंडाधिकारी (मजिस्ट्रेट) अदालत ने ‘द वायरल फीवर’ (टीवीएफ) के संस्थापक अरुणाभ कुमार को वर्ष 2017 में दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने प्राथमिकी दर्ज कराने में ‘‘अस्पष्ट और अतार्किक देरी’ को कारण बताते हुए यह फैसला सुनाया। 

    अदालत ने रेखांकित किया कि यह कहा जा सकता है कि शिकायत ‘ईष्या’ या कारोबारी दुश्मनी की वजह से दर्ज कराई गई।  उल्लेखनीय है कि पूर्व कर्मी की शिकायत पर अंधेरी पुलिस ने कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-354ए (यौन उत्पीड़न), धारा-509 (महिला के सम्मान को भंग करने के इरादे से शब्द, भाव-भंगिमा या कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया था। कुमार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक हैं और वर्ष 2011 में टीवीएफ की स्थापना की थी। 

    महानगर दंडाधिकारी (अधेरी अदालत) ए.आई.शेख ने कुमार को इस साल सितंबर में आरोप मुक्त किया था। हाल में फैसले की विस्तृत प्रति उपलब्ध हुई।  अभियोजन पक्ष के मुताबिक, कथित घटना वर्ष 2014 की है। सोशल मीडिया के जरिये कई महिलाओं द्वारा इस तरह के आरोप लगाए जाने के बाद घटना के तीन साल बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी। 

    दंडाधिकारी ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष की ओर से कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया। मामले में खामियां और विरोधाभास है। अस्पष्ट और आतर्किक देरी प्राथमिकी दर्ज करने में हुई है, जो अभियोजन की ओर से सामने रखे गए मामले पर सवाल खड़ा करती है।” अदालत ने कहा कि यह भी कहा जा सकता है कि शिकायत आरोपी और शिकायत दर्ज करने वाले के बीच ईर्ष्या और कारोबारी दुश्मनी की वजह से दर्ज करायी गयी। (एजेंसी)