NUPUR SHARMA
Photo Credit- Twitter/Nupur Sharma

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    मुंबई, बीजेपी (BJP) पार्टी की पूर्व प्रवक्ता की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है। नूपुर शर्मा का पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी के मामले पर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। बीजेपी से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा को अब मुंबई पुलिस ने समन भेजा है। पुलिस ने नूपुर को 22 जून तक पेश होने के लिए समन भेजा है। पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के मामले में मुंबई के पाईधुनी पुलिस स्टेशन में नूपुर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जीसके बाद मुंबई पुलिस ने यह कार्रवाई की है। लेकिन नूपुर को अब विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार की सहानभूति मिली है। वीएचपी अध्यक्ष ने कहा कि, बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा का बयान सही या गलत, यह अदालत तय करेगी। बिना अदालत का फैसला आए ही नूपुर की टिप्पणी पर हिंसक प्रदर्शन देश के लिए चिंताजनक विषय है।

    विदित है, बीजेपी से निलम्बित किये जाने के बाद नूपुर शर्मा ने अपने विवादित बयान पर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था, यदि उनके बयान से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हों तो वह सबसे बिना शर्त क्षमा मांगती हैं। साथ ही कहा था कि, हमने हमारे आराध्य देव भगवान शिव के लगातार मजाक उड़ाए जाने व प्रभु के बार-बार हो रहे अपमान को देखते हुए अपनी ऐसी प्रतिक्रिया दी थी। यदि उनकी टिप्पड़ी से किसी की भावना आहत हुई तो वह क्षमा मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें मिल रहे लगातर धमकियों देखते हुए भले ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी हो, लेकिन मुंबई पुलिस से उन्हें कोई राहत मिलती नही दिखाई दे रही है।

    वहीं नुपुर शर्मा को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का साथ मिला है। विदित है, अपने बयान से अलग-थलग पड़ी नूपुर शर्मा को विश्व हिंदू परिषद का साथ मिलने से एक बड़ी राहत भरा सहयोग मिला है। आलोक कुमार नूपुर के बचाव में कहा है, बयान सही या गलत है यह अदालत तय करेगी उसके पहले उनके खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता व्यक्त करने से शर्मा को काफी सहयोग मिलता दिखाई दे रहा है।

    VHP के आलोक कुमार ने आगे कहा कि, अदालत के फैसले की प्रतीक्षा किए बिना पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, क्या यह कानून के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा यह खुले मंच पर कहा जा रहा है कि, अगर कोई भी मुहम्मद पैगंबर के बारे में कुछ बोला तो उसका जीभ काट दिया जाएगा। पुलिस ने नूपुर के कथित पैगंबर टिप्पणियों के खिलाफ शिकायतों के आधार पर मामला दर्ज करके जांच करेगी। उसके बाद न्यायालय से आए फैसले को स्वीकार करने के बाद ही कोई निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। उसके पहले कथित एक धर्म वालों की तरफ से आ रही प्रतिक्रिया सच में बहुत ही चिंताजनक है।