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    नयी दिल्ली. बिहार से आ रही बड़ी खबर के अनुसार अब यहाँ के के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में हुए भयंकर आंख कांड ने सभी को हैरत और सकते में में डाल दिया है। बीते 22 नवंबर को हुए इन मोतियाबिंद के ऑपरेशन (Cataract Operation) के बाद अब तक 65 में से 15 लोगों की आंख निकालनी पड़ गयी है। लेकी दर की बात ये है कि अब इन मरीजों की संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि ऐसा इन इन्फेक्शन कई दूसरे लोगों की आंखों में भी फैल चुका है।

    इधर बीते बुधवार को राज्य के सिविल सर्जन विनय शर्मा ने कहा कि वे स्वयं अब इस आंख के अस्पताल गए थे। जहाँ स्पष्ट रूप से लिखित पत्र दिया गया है कि बीते 22 नवंबर के बाद जितने भी ऑपरेशन हुए हैं सबकी लिस्ट फ़ौरन दी जाए। साथ ही उसका मोबाइल नंबर भी दें ताकि ट्रैक कर यह पता किया जाए कि वो अब कहीं और तो इलाज नहीं करा रहे हैं।

    हॉस्पिटल हुआ बंदः सिविल सर्जन

    इसके साथ ही सिविल सर्जन विनय शर्मा ने बताया और माना कि यह कहीं ना कहीं से निश्चित रूप से लापरवाही ही हुई है। जिसके चलते उक्त घटना घटी है।ऐसे में अब देखना होगा कि किस स्तर से लापरवाही हुई है। इसके लिए अभी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल हॉस्पिटल को भी बंद करा दिया गया है। अभी OPD भी नहीं चल रही है।

    ऐसे में बढ़ सकती है आंख खराब होने वाले मरीजों की संख्या

    पता हो कि बीते 22 नवंबर को ऑपरेशन किया गया था। इस पर पहले सूचना मिली कि 25 लोगों का ही ऑपरेशन हुआ है लेकिन अब जांच के बाद पता चला है कि यहाँ कुल 65 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। इसमें से इन्फेक्शन के चलते 27 लोगों की आंखें खराब हो चुकी हैं। ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि इस तरह से आंखें खराब होने वाले मरीजों की संख्या अब और भी बढ़ सकती है। वहीं बीते बुधवार को ‘मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल’ के ऑपरेशन थिएटर को सील करने के बाद अब यहाँ के अस्पताल को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

    राजनीति हावी 

    इधर मामले पर राजनीति गरमा गयी है। इस बाबत बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है। इस मामले में उन्होंने नीतीश सरकार से उन डॉक्टरों पर उचित और कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जिनके चलते कई लोगों को अपनी कीमती आंख खोनी पड़ी है। साथ ही अब उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में हर पीड़ित को उचित मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार की हर तरह से पूरी मदद की जाए।