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    नई दिल्ली: पिछले साल नगालैंड के मोन जिले में सेना द्वारा किए गए फायरिंग (Nagaland Firing) में हुए 14 आम नागरिकों की लोगों की मौत मामले में एसआईटी ने अदालत को आरोपपत्र सौंप दिया है।  इस मामले में नागालैंड पुलिस की और से सेना के 30 जवानों को आरोपी बनाया गया है। 

    चार्जशीट दाखिल करते हुए नागालैंड के डीजीपी टीजे लोंगकुमेर ने कहा कि, सेना के जवानों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी, जिसमें पता चला था कि 21 पैरा स्पेशल फोर्स की ऑप्स टीम ने एसओपी नियमों का पालन नहीं किया था। उन्होंने कहा, “उनकी अनुपातहीन गोलीबारी में ग्रामीणों की मौत हो गई थी।” डीजीपी ने कहा कि, इस मामले से संबंध में हमने 5 मामले दर्ज किए हैं ,आगे की जांच चल रही  है ।

    14 नागरिकों की मौत

    उल्लेखनीय है कि, पिछले साल 4 दिसंबर, 2021 को हुई एक चौंकाने वाली सामने आई थी। नागालैंड के मोन जिले में सैनिकों द्वारा की गई गोलीबारी में  रात में एक पिकअप ट्रक में घर लौट रहे 14 नागरिकों की मौत हो गई थी। वहीं, 11 अन्य घायल हो गए थे। 4 दिसंबर, 2021 को हुई घटना के बाद गुस्से में जवानों को घेरने वाले ग्रामीणों के हमले में एक जवान की मौत हो गई थी। 

    कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश

    इस घटना के बाद सेना ने मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश देते हुए कहा था कि, उसका एक जवान शहीद हो गया और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने कहा कि, घटना और उसके बाद के परिणाम “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हताहतों की जांच उच्चतम स्तर पर की जा रही है।”

    एसआईटी का गठन 

    बता दें कि, इस मामले की जांच  के लिए नागालैंड सरकार ने आईजीपी नागालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था और सेना के जवानों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था।