New guidelines issued for international arrivals in India, read new guidelines here
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    नई दिल्ली: देश (India) में अब कोरोना (Corona) की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है। रोज़ाना सामने आ रहे कोरोना मामलों में लगातार गिरावट देखी गई है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (International Passengers) के लिए नए दिशा-निर्देश (Guidelines) जारी किए हैं। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस 14 फरवरी से प्रभावी होंगी।

    नई गाइडलाइंस के अनुसार, अनिवार्य रूप से सात-दिन घर पर पृथक-वास में रहने और आठवें दिन आरटी-पीसीआर जांच कराने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। संशोधित दिशानिर्देश 14 फरवरी से लागू होंगे। अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर हवाईअड्डा पहुंचने वाले सभी यात्रियों में कुल यात्रियों के दो प्रतिशत की कोविड जांच की जाएगी।

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्विटर पर इस कदम की घोषणा करते हुए कहा कि लोगों के नमूने लिए जाएंगे और फिर हवाईअड्डे से उन्हें बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले से अनिवार्य सात-दिनों तक घर पर पृथक-वास में रहने के बजाय सभी यात्री अपने आगमन के बाद 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करेंगे। मंत्री के अनुसार, नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट (यात्रा से 72 घंटे पहले ली गई) को संबद्ध एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने के अलावा, पारस्परिक आधार पर देशों से प्रदान किए गए पूर्ण प्राथमिक कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के पूरा होने के प्रमाण पत्र अपलोड करने का विकल्प भी होगा।

    मंत्रालय ने ऐसे 82 देशों की सूची जारी की है। इनमें अमेरिका, न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, सिंगापुर, सऊदी अरब, इजराइल, बांग्लादेश, ईरान, नेपाल, मेक्सिको और नीदरलैंड शामिल हैं। मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘आठवें दिन आरटी-पीसीआर जांच करने और उसे एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।”

    आगमन के बाद जांच के दौरान संक्रमण के लक्षण पाए जाने वाले यात्रियों को तुरंत पृथक किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार अस्पताल ले जाया जाएगा। यदि जांच में संक्रमण की पुष्टि होती है, तो उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जाएगी। दिशानिर्देश में कहा गया है कि यदि ऐसे यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि होती है, तो उनके नमूनों को आगे चलकर कोरोना वायरस के स्वरूपों के जीनोम अनुक्रमण और वायरस भिन्नता का अध्ययन एवं निगरानी करने वाली संस्था इनसाकॉग प्रयोगशाला नेटवर्क में जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जाएगा और मानक प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज/पृथक किया जाएगा। 

    बंदरगाहों/भूमि बंदरगाहों के माध्यम से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भी ऊपर्युक्त प्रोटोकॉल से गुजरना होगा। दिशानिर्देश के मुताबिक, पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन से पहले और बाद की जांच, दोनों से छूट दी गई है। हालांकि, यदि आगमन पर या स्व-निगरानी अवधि के दौरान कोविड​​​​-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उनकी जांच की जाएगी और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा।