
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो पूर्व पदाधिकारियों की टिप्पणी के खिलाफ हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में बच्चों का इस्तेमाल किये जाने की एनआईए जांच का अनुरोध किया है। आयोग ने उन राज्यों की सरकारों से यह अनुरोध किया हैं, जहां इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं।
आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो (Priyank Kanungo) ने ट्वीट किया, ‘देश में पिछले सप्ताह हुई साम्प्रदायिक हिंसा में बच्चों का उपयोग व दंगाइयों द्वारा खुद के बचाव के लिए बच्चों को आगे करने के मामले संदिग्ध संगठनों द्वारा समन्वित संचालित हो सकते हैं। एनसीपीसीआर ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे एनआईए की जांच के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा करें।’ दस जून को, दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर और देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
देश में पिछले सप्ताह हुई साम्प्रदायिक हिंसा में बच्चों का उपयोग व दंगाइयों द्वारा खुद के बचाव के लिए बच्चों को आगे करने के मामले संदिग्ध संगठनों द्वारा समन्वित संचालित हो सकते हैं,@NCPCR_ ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे #NIA द्वारा जाँच हेतु केंद्र सरकार को अनुशंसा करें।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) June 18, 2022
सैकड़ों लोगों ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई के पूर्व मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल को गिरफ्तार करने की मांग की थी। इससे पहले, कानपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 20 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 40 लोग घायल हो गए थे। (एजेंसी)