नई दिल्ली. 2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी रोक दी है। दोषियों को कल 1 फ़रवरी 2020 को फांसी होने वाली थी। कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी
नई दिल्ली. 2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी रोक दी है। दोषियों को कल 1 फ़रवरी 2020 को फांसी होने वाली थी। कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है। दोषियों के वकील ए पी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोर्ट ने अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के डेथ वारंट को रद्द कर दिया है।
A Delhi court’s observation on the 2012 Delhi gang-rape case: The Courts of this country cannot afford to adversely discriminate any convict, including death row convict, in pursuit of his legal remedies, by turning a Nelson’s eye towards him. https://t.co/3E7hPT6bnF
— ANI (@ANI) January 31, 2020
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल ने कोर्ट से कहा कि चाहें तो 1 फरवरी 2020 को तीन दोषियों को फांसी दी जा सकती है। वहीं दोषियों के वकील ए पी सिंह ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि नियम कहते हैं कि जब एक दोषी की याचिका लंबित हो तो बाकी को फांसी नहीं दी जा सकती।
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दोषियों के वकील ए पी सिंह ने कोर्ट से फांसी पर अमल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की अपील की। क्योंकि अभी दोषियों के लिए कानूनी उपाय बाकी हैं। विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, जबकि अक्षय और पवन के कानूनी उपाय भी बाकी हैं। अक्षय की दया याचिका बाकी है। पवन ने अभी तक उपचारात्मक याचिका दायर नहीं की है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की जुवेनाइल याचिका खारिज कर दी है। पवन ने याचिका डाली थी अपराध के समय वह नाबालिग था।
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‘दोषियों के वकील का चैलेंज, अनंतकाल तक फांसी टलेगी’
निर्भया की मां ने कहा कि मुजरिमों के वकील ने उन्हें पहले ही चुनौती दी थी कि फांसी अनंतकाल तक टलेगी। उन्होंने कहा, ‘मुजरिमों के वकील ए. पी. सिंह ने मुझे चैलेंज किया था कि फांसी अनंतकाल तक नहीं होगी। 7 साल पहले मेरी बच्ची के साथ क्राइम हुआ था और सरकार बार-बार मुजरिमों के सामने मुझे झुका रही है।’
#WATCH Asha Devi, mother of the 2012 Delhi gang-rape victim: The lawyer of the convicts, AP Singh has challenged me saying that the convicts will never be executed. I will continue my fight. The government will have to execute the convicts. pic.twitter.com/VynpcSLhyp
— ANI (@ANI) January 31, 2020
बतादें कि निचली अदालत ने 17 जनवरी को निर्भया मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय ठाकुर (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था, जिसमें 1 फरवरी 2020 को सुबह 6:00 AM बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया था। वहीं इससे पहले कोर्ट ने 7 जनवरी को फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी।
क्या है पुरा मामला?
16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी। सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।