फाइल फोटो
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    नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। कई जगहों पर तो आंदोलन उग्र रूप ले चुका है। लेकिन इन सभी के बीच केंद्र सरकार लगातार युवाओं को इस योजना का महत्व और उससे जुड़े फायदे समझाने में जुटी है। इस बीच कई पॉलिटिकल पार्टियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेकिन रविवार को तीनों सेनाओं ने योजना की वापसी से इनकार कर दिया है। वहीं इस योजना को लेकर भारतीय सेना ने जरूरी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अग्निपथ योजना में लाई में रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। इसकी अधिकारिक जानकारी भारतीय थल सेना ने अधिसूचना जारी कर दी है।

    बता दें कि भारतीय सेना के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 8वीं और 10वीं पास युवक अप्लाई कर सकते हैं।  केन्द्र सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा की जिसके तहत साढ़े 17 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा। हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया।

    अग्निपथ पर सियासत

    गौरतलब हो कि, अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने सेना में भर्ती संबंधी केंद्र की नयी योजना अग्निपथ को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा।  सपा प्रमुख यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार का चतुर्दिक विरोध दर्शा रहा है कि बीजेपी ने जनाधार खो दिया है। वहीं मायावती ने कहा है कि देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुड़ी योजना होने के बावजूद बीजेपी नेतागण जिस प्रकार से इस बारे में अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित है।  अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट किया “देश के युवाओं में वर्तमान के प्रति निराशा-हताशा और भविष्य के प्रति आशंका-असुरक्षा का भाव, देश के विकास के लिए घातक साबित होता है। सरकारों का दायित्व देश के वर्तमान को सुधारना व भविष्य को सँवारना होता है। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार का चतुर्दिक विरोध दिखा रहा है कि, भाजपा ने जनाधार खो दिया है।