नई दिल्ली: एक विशेष अदालत ने एनएसई के दो पूर्व सीईओ से जुड़े नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर शनिवार को संज्ञान लिया। विशेष न्यायाधीश सुनेना शर्मा ने शनिवार को संज्ञान लेते हुए कहा, ‘यदि संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री है। तदनुसार, मैं सभी चार आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय धन शोधन के अपराध का संज्ञान लेता हूं।’
अदालत ने कहा, “मैंने शिकायत की सामग्री, धारा 50 पीएमएलए के तहत दर्ज आरोपियों और गवाहों के बयान और शिकायत के साथ दायर दस्तावेजों का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है।” यह शिकायत सहायक निदेशक निदेशालय के माध्यम से दर्ज कराई गई है। ईडी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 सितंबर को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
NSE money laundering case: A special court takes cognizance of the ED charge sheet filed against 2 former CEOs of NSE and former Mumbai Police Commissioner Sanjay Pandey.
— ANI (@ANI) October 1, 2022
चार्जशीट में चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण (दोनों एनएसई के पूर्व सीईओ) और संजय पांडे, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और एक निजी कंपनी का नाम एनएसई अधिकारियों के फोन टैप करने और अन्य अनियमितताओं के आरोप में है। मेसर्स आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 2009-17 के दौरान कथित तौर पर एनएसई कर्मचारियों के अवैध फोन टैपिंग में लिप्त था।
14 जुलाई को मामला दर्ज
एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण भी ईडी की हिरासत में हैं। उन्हें एनएसई घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले और एक्सचेंज कर्मचारियों के फोन की अवैध टैपिंग के मामले में हिरासत में लिया गया था। ईडी ने 14 जुलाई को नारायण, पूर्व एनएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने पहले इन तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।