Odisha Train Accident Supreme Court

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में एक जनहित याचिका दायर कर ओडिशा के बालासोर जिले में रेल हादसे (Odisha Train Tragedy) के कारणों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस दुर्घटना में 275 यात्रियों की मौत हो गई थी।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में रेलवे प्रणाली में जोखिम एवं सुरक्षा मापदंडों का विश्लेषण करने एवं समीक्षा करने, रेलवे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने एवं सुरक्षा संशोधन करने के लिए व्यवस्थित सुझाव देने के वास्ते केंद्र को एक विशेषज्ञ आयोग गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में अनुरोध किया गया है कि आयोग का गठन शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में किया जाये और आयोग न्यायालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। याचिका में कहा गया है कि आयोग में तकनीकी सदस्य भी शामिल हों। इसमें कहा गया है कि ‘कवच’ प्रणाली को जल्द नहीं लगाये जाने की वजह से बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षति हुई है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है और यह संबंधित अधिकारियों द्वारा घोर लापरवाही और कर्तव्य के उल्लंघन का मामला लगता है।

याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को दो महीने में अपनी जांच पूरी करनी चाहिए और दुर्घटना के मूल कारण की पड़ताल कर शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। इसमें भारतीय रेलवे में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली ‘कवच’ को तत्काल प्रभाव से कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है।

जनहित याचिका में कहा गया है, ‘‘ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के सुरक्षा तंत्र का कार्यान्वयन अभी भी पूरे देश में जमीनी स्तर पर नहीं किया गया है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से साबित हो गया है कि कवच, जो एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, अभी भी इस मार्ग पर लागू नहीं की गई है…।” जनहित याचिका में कहा गया है कि कवच सुरक्षा प्रणाली को जल्द से जल्द लागू करने की बहुत आवश्यकता है, जिसके बिना किसी भी रेलगाड़ी की आवाजाही जारी नहीं रहनी चाहिए।

गौरतलब है कि बालासोर के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थे, जिससे इसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ पिछले डिब्बों पर पलट गए। इस दुर्घटना में कम से कम 288 यात्रियों की मौत हो गई और 1100 से अधिक यात्री घायल हैं। (एजेंसी)