मुंबई: शिवसेना (Shivsena) ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम (West Bengal Election Results) ने साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) अजेय नहीं हैं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ (Samna) में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया कि जिन राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल) और केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में हाल में चुनाव हुए, उनमें से सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर थीं।
पार्टी ने कहा, ‘‘कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के बजाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी केंद्र सरकार (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी को हराने के लिए पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार में लगी थी।” बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस को रविवार को जीत दिलाई। मराठी समाचार पत्र ने कहा, ‘‘परिणाम से साबित होता है कि पूरा तंत्र और सभी प्रौद्योगिकियां पास होने के बावजूद मोदी-शाह अजेय नहीं हैं।”
शिवसेना ने पश्चिम बंगाल चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन बनर्जी को समर्थन दिया था। उसने आरोप लगाया कि भाजपा ने बनर्जी को हराने के लिए धन, शक्ति और सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम का एक पंक्ति में विश्लेषण यह है कि भाजपा हार गई और कोरोना वायरस जीत गया।”
शिवसेना ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जीत हासिल करने के एकमात्र लक्ष्य के साथ मोदी और शाह चुनाव प्रचार में उतरे तथा उन्होंने कोविड-19 संबंधी सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़ी रैलियां एवं रोडशो किए। उन्होंने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की ताजा लहर के लिए निर्वाचन आयोग को दोषी ठहराया है।
शिवसेना ने सवाल किया कि चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन की जिम्मेदारी कौन लेगा। उसने कहा कि असम और पुडुचेरी को छोड़कर भाजपा ने (अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में) अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पश्चिम बंगाल के लोगों की प्रशंसा की जानी चाहिए कि वे कृत्रिम लहर के झांसे में नहीं आए और अपनी प्रतिष्ठा के लिए एकजुट होकर खड़े रहे। देश को बंगाल से सीखना चाहिए।”