नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus Pandemic) का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है। साथ ही कोविड के चलते आर्थिक मोर्चे पर हर सेक्टर को नुकसान का सामना करना पड़ा है। दूसरी तरह आम आदमी को महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है। लगातार पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price), घरेलू गैस सिलेंडर सहित खाने-पीनें की चीजें महंगी हो रही है। इसी बीच प्याज की कीमतें (Onion Price Hike) आने वाले समय में महंगी होने की खबर सामने आ रही है। माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन में कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।
ज्ञात हो कि अक्टूबर-नवंबर महीने के दौरान प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। दरअसल इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह अनिश्चित मानसून को माना जा रहा है। साल 2018 की तुलना में इस वर्ष भी प्याज की कीमतों में 100 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल सकती है।
वहीँ महाराष्ट्र की बात करें तो यहां फसल की रोपाई में आने वाली चुनौतियों के चलते खरीफ 2021 में कीमतें 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अधिक रहने की आशंका है। क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट की मानें तो बारिश की कमी के चलते फसल की आवक में देरी रहेगी।
खरीफ का उत्पादन साल-दर-साल तीन फीसदी बढेगा।
क्रिसिल रिसर्च का ऐसा मानना है कि खरीफ फसल 2021 का उत्पादन वर्ष-दर-वर्ष बढ़ने वाला है। लेकिन माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में फसल देरी से आएगी। पिछले वर्ष इसी त्योहारी सीजन में प्याज की कीमतें 2018 की तुलना के आधार पर दोगुना थी।
बाजार में खरीफ प्याज की आवक में देरी होने की उम्मीद।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्याज की कीमतें में बढ़ोतरी की वजह आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में अनिश्चित मानसून और भारी बारिश के कारण फसलों का नुकसान थी। ऐसे में मानसून की अनिश्चितता से अक्टूबर या फिर नवंवर महीने की शुरूआत तक बाजार में प्याज आने की उम्मीद है। यही कारण है कि कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
उल्लेखनीय है कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं। जिसमें साल 2022 के लिए प्याज के लिए तय दो लाख टन के बफर स्टॉक का भी समावेश है। बावजूद इसके प्याज के लिए दिए गए बफर स्टॉक में से करीब 90 फीसदी खरीदा जा चुका है।