नयी दिल्ली/पुंछ. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार जहाँ फिलहाल जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुंछ (Poonch) जिले के जंगलों में करीब 8 दिनों से सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ (Encounter) चल रही है। वहीं कुछ निजी मीडिया चैनल के मुताबिक सेना और पुलिस के सूत्रों ने कहा कि जिस उग्रता से आतंकियों ने यहाँ इस मुठभेड़ को अंजाम दिया है की है, उससे यही प्रतीत होता है किइन्हें पाकिस्तान के कमांडोज से भी ट्रेनिंग मिली थी।
गौरतलब है कि 2 जवानों की शहादत के साथ पुंछ के सुरनकोट वन में बीते सोमवार से शुरू हुए अभियान में अब तक देश के 9 जवान शहीद हो चुके हैं। वहीं बाद में यह अभियान पुंछ के मेंढर और राजौरी के थानामंडी तक फैल गया। लेकिन अब तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि कोई आतंकी मारा गया है या नहीं, क्योंकि अभी तक न ही कोई कोई शव मिला है। वहीं बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान, कड़ी घेराबंदी और भारी गोलाबारी के बावजूद घने जंगल के 8 से 9 किलोमीटर के इस लंबे इलाके में फिलहाल मुठभेड़ जारी है।
बता दें कि नियंत्रण रेखा के करीब पुंछ के डेरा वाली गली इलाके में बीते 10 अक्टूबर की रात इन आतंकियों से पहली मुठभेड़ में एक JCO समेत पांच जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद बीते गुरुवार को नर खास के जंगलों में आतंकियों की तलाश कर रहे सेना के एक दल पर घात लगाकर फिर हमला किया गया। इसमें हमारे दो जवान शहीद हो गए और एक JCO समेत दो अन्य लापता हो गए। दो दिन बाद कड़े ऑपरेशन के बाद ही उनके शव बरामद हो सके।
जताई जा रही यह आशंका
इधर सेना और स्थानीय पुलिस के कुछ बड़े सूत्रों का कहना है कि यह तथ्य कि आतंकी बीते 8 दिनों से हजारों सुरक्षा बलों से बचते हुए लड़ रहे हैं, जिससे यह साफ़ संकेत आ रहा है कि उन्हें पाकिस्तानी सेना के एलीट कमांडो ने इसके लिए ट्रेनिंग दी थी। वहीं एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर यह भी बताया कि, “आतंकवादियों के इस समूह में शायद पाकिस्तानी कमांडो भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन हमें निश्चित तौर पर तभी पता चलेगा जब उन सभी को मार गिराया जाएगा। “
फिलहाल तो सुरक्षाबलों को सावधानी से आगे बढ़ने को कहा गया है। साथ ही यह निर्देश भी है कि अगर ऑपरेशन खत्म भी हो जाए तब भी यह सुनिश्चित करें कि और कोई इसमें हताहत ना हो। सूत्रों की मानें तो आतंकवादियों को फिलहाल एक इलाके में घेर लिया गया है। वहीं अब सेना के पैरा कमांडो और हेलीकॉप्टरों की मदद से सुरक्षा बलों को यह भी उम्मीद है कि यह खुनी मुठभेड़ जल्द से जल्द खत्म हो जाएगी।