"कृपया एक एहसान करें, अभी कोयला न भेजें", कोयला संकट के लिए जिम्मेदार बताए जाने पर प्रह्लाद जोशी का जवाब

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    नयी दिल्ली: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि में कटौती करने का अभी कोई विचार नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि विपक्ष को अपने उठाये महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने से भागना नहीं चाहिए।

    उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अदालत में दिये आवेदन की पृष्ठभूमि में संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।  

    जोशी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन, महंगाई जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि अब वे चर्चा करने से भाग रहे हैं।   

    संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष को इन मुद्दों पर कहने के लिये कुछ नहीं है और वे सत्र की अवधि को छोटा करने के लिये अफवाह फैलाने में लगे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि को कम करने की कोई योजना नहीं है।”