नई दिल्ली. सुबह कि बड़ी खबर के अनुसार, प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) पर आज सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा फैसला आया है। दरअसल आज SC ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से दर्ज केस में फंसे लोगों को झटका देते हुए कोर्ट ने PMLA कानून के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
#UPDATE | Supreme Court upholds validity of various provisions of Prevention of Money Laundering Act (PMLA).
— ANI (@ANI) July 27, 2022
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि, साल 2018 में कानून में किए गए इसके संशोधन सही हैं। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय(ED) के सभी अधिकारों को भी इसमें बरकरार रखा है।
गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी, रेड, समन, बयान समेत PMLA एक्ट में ED को दिए गए सभी अधिकारों को एक प्रकार से सही ठहराया है। मामले पर कोर्ट ने कहा है कि, प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) को FIR के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। ECIR की कॉपी आरोपी को देना जरूरी नहीं है। गिरफ्तारी के दौरान कारणों का इतना ही खुलासा करना ही काफी है। कोर्ट ने कहा है कि ED के सामने दिया गया बयान ही पर्याप्त सबूत है।
बात दें कि, सुप्रीम कोर्ट में PMLA के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए 100 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थीं। जिसमे अधिकतर ED की शक्तियों, गिरफ्तारी के अधिकार, गवाहों को समन व संपत्ति जब्त करने के तरीके और जमानत प्रक्रिया को सीधे तौर पर चुनौती दी गई थी। याचिकाएं कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम, एनसीपी नेता अनिल देशमुख जैसे बड़े नेताओं व अन्य की ओर से दायर की गई थीं।