मुंबई: न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जानकारी के अनुसार न्यायपालिका पर उनके हालिया बयानों के लिए बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन (Bombay Lawyers Association) द्वारा कल बॉम्बे HC में एक जनहित याचिका दायर की गई है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री और उपराष्ट्रपति के खिलाफ दाखिल हुई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट जल्द सुनवाई करेगा।
याचिका में मांग की गई है कि उन्हें अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकता है और घोषित करता है कि दोनों अपने सार्वजनिक आचरण और उनके बयानों के माध्यम से भारत के संविधान में विश्वास की कमी दिखाते हुए अपने संवैधानिक पदों को धारण करने से अयोग्य हैं। बता दें कि यह याचिका बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने अपने अध्यक्ष अहमद आबिदी के माध्यम से दाखिल की है।
The petition seeks that the HC restrains them from discharging their official duties and declare that both are disqualified from holding their constitutional posts by showing a lack of faith in the constitution of India through their public conduct and their statements.
— ANI (@ANI) February 2, 2023
बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की याचिका में कहा गया है कि गैर जिम्मेदाराना बयानों की वजह से सार्वजनिक रूप से सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिष्ठा को कम किया है। बता दें कि किरेन रिजिजू ने बार-बार कोलेजियम प्रणाली पर सवाल उठाया। यहां तक कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी न्यायपालिका की शक्तियों पर “मूल संरचना” सिद्धांत पर सवाल खड़े कर NJAC अधिनियम को रद्द करने को गंभीर कदम बताया।
याचिका में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री ने सार्वजनिक मंच पर खुले तौर पर कॉलेजियम प्रणाली और बुनियादी ढांचे के सिद्धांत पर हमला किया। याचिका में कहा गया कि संवैधानिक पदों पर बैठे जिम्मेदार लोगों द्वारा इस तरह का अशोभनीय व्यवहार बड़े पैमाने पर जनता की नज़र में सर्वोच्च न्यायालय की महिमा को घटा रहा है। वकीलों के संगठन ने अपनी जनहित याचिका में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।