नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक की अध्यक्षता की। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने मध्य एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा, आपसी सहयोग और समृद्धि सहित कई विषयों पर अपनी बात राखी। इसी के साथ उन्होंने अफगानिस्तान में चल रहे घटनाक्रम पर चिंता जताई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज के शिखर सम्मेलन के तीन लक्ष्य हैं। सबसे पहले यह स्पष्ट करना है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए भारत और मध्य एशिया के बीच आपसी सहयोग आवश्यक है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है।”
उन्होंने कहा, “आज की बैठक का दूसरा लक्ष्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है, जो सभी हितधारकों के बीच नियमित बातचीत के लिए एक मंच की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “तीसरा लक्ष्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार करना है, जो हमें क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम बनाएगा।”
कजाकिस्तान भारत की ऊर्जा सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भागीदार
पीएम मोदी ने कजाकिस्तान में हुई मौतों पर दुःख जताते हुए कहा कि, “भारत के सभी मध्य एशियाई देशों के साथ गहरे संबंध हैं। कजाकिस्तान भारत की ऊर्जा सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। मैं कजाकिस्तान में हाल ही में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त करता हूं।”