पीएम मोदी (Photo Credits-BJP Twitter)
पीएम मोदी (Photo Credits-BJP Twitter)

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    शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को शिमला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को प्रशासन का जरूरी हिस्सा मान लिया था। उन्होंने दावा किया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है। 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की आठवीं वर्षगांठ के मौके पर यहां रिज़ मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की सूची में से नौ करोड़ फर्जी नाम हटाए हैं। मोदी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री आवास योजना हो या छात्रवृत्ति या कोई अन्य योजना, हमने लोगों को सीधे इसका लाभ पहुंचा भ्रष्टाचार को मिटा दिया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों में 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि स्थानांतरित की है।” 

    मोदी ने कहा, ‘‘ 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को प्रशासन का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी, तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता था।” उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘ 2014 से पहले की तुलना में अब देश की सीमाएं भी अधिक सुरक्षित हैं।” कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए उनकी सरकार द्वारा किए गए उपायों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 रोधी टीकों की करीब 200 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। 

    उन्होंने रैली में कहा कि भारत ने विभिन्न देशों को कोविड-19 रोधी टीकों का निर्यात किया और हिमाचल प्रदेश की बद्दी औद्योगिक इकाई ने उन खुराकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अब भारत मजबूरी में नहीं बल्कि दूसरों की मदद के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, जैसा कि कई देशों को कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराकर किया गया।”