PIC: PTI
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    वाराणसी(उप्र): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने यहां एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम ‘काशी तमिल संगमम’ (Kashi Tamil Sangamam) का शनिवार को उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के विद्वानों, विद्यार्थियों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को एक मंच पर लाना तथा अपने श्रेष्ठ परंपराओं को साझा करना और एक दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है।  

    कार्यक्रम में तमिलनाडु के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।  इस अवसर पर, दोनों क्षेत्रों के हथकरघा, हस्तशिल्प, पुस्तकों, वृत्तचित्रों, व्यंजनों, कलाकृतियों, पर्यटन स्थलों आदि की एक प्रदर्शनी भी यहां लगाई गई है। कार्यक्रम की दो क्रियान्वयन एजेंसियां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास और काशी हिंदू विश्वविद्यालय हैं। कार्यक्रम में उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। 

    वहीँ, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन किया जा रहा है। जो दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम है। सहस्त्राब्दियों पुराना संबंध का फिर से नवजीवन हो रहा है। यह आयोजन आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को जीवित कर रहा है।

    बता दें कि, शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जाएगा। जिसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना है। साथ ही उत्सव मनाना है।