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    कुशीनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर (Kushinagar) में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का उद्घाटन किया और कहा कि उनकी सरकार ने विमानन क्षेत्र में नयी ऊर्जा भरने के लिए कई कदम उठाए हैं। कुशीनगर गौतमबुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थल है और बौद्ध समुदाय के लोगों का एक अहम तीर्थ स्थल है। करीब 260 करोड़ रुपये की लागत से 589 एकड़ भूभाग में बना यह उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है और बौद्ध धर्मस्थल को दुनिया भर से जोड़ने के मकसद से इसका निर्माण किया गया है।

    हवाईअड्डे के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इससे क्षेत्र के आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में मदद मिलेगी, साथ ही रोजगार के नये अवसरों का भी सृजन होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भगवान बुद्ध से संबद्ध स्थानों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, और कुशीनगर का विकास उत्तर प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार के लिए उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पर्यटन के क्षेत्र में अब एक नया पहलू भी जुड़ गया है।

    कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के क्षेत्र में भारत की तेज गति से प्रगति दुनिया में यह विश्वास पैदा करेगी कि अगर पर्यटक के रूप में भारत जाना है, किसी कामकाज से भारत जाना है तो भारत इस लिहाज से व्यापक रूप से सुरक्षित है।” उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के ज्ञान से लेकर महापरिनिर्वाण तक संपूर्ण यात्रा का साक्षी यह क्षेत्र अब सीधे दुनिया से जुड़ गया है ।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा , ‘‘कुशीनगर हवाईअड्डा हवाई संपर्क का माध्यम मात्र नहीं होगा, बल्कि इसके बनने से किसान, पशुपालक, दुकानदार, श्रमिक आदि सभी को लाभ मिलेगा। सबसे ज्यादा लाभ ट्रैवल एजेंट, टैक्सी और छोटे छोटे व्यापार करने वालों को होने वाला है। इससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे ।”

    उन्होंने कहा , ‘‘मुझे यह भी जानकारी दी गयी है कि अगले कुछ सप्ताह में दिल्ली से कुशीनगर के बीच स्पाइसजेट की सीधी उड़ान शुरू होने जा रही है । इससे घरेलू यात्रियों और श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा होगी।” विमानन कंपनी एअर इंडिया का निजीकरण करने के हालिया निर्णय का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश ने एअर इंडिया के संबंध में बड़ा कदम उठाया है ताकि विमानन क्षेत्र पेशवर तरीके से काम कर सके, साथ ही सुविधा तथा सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

    उन्होंने कहा,‘‘यह कदम भारत के विमानन क्षेत्र को नयी ऊर्जा देगा।” साथ ही प्रधानमंत्री ने रक्षा हवाई क्षेत्र को असैन्य इस्तेमाल के लिए खोलने संबंधी सुधारों का भी जिक्र किया। हाल ही शुरू किए गए ‘‘प्रधानमंत्री गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान” पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न सिर्फ शासन में सुधार होगा बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चाहे सड़क हो या रेल या विमान, वे एक दूसरे को सहयोग दें और एक दूसरे की क्षमता बढ़ाएं।”

    प्रधानमंत्री ने उड़ान योजना पर कहा कि इस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में 900 से ज्यादा नये हवाई मार्गों को मंजूरी दी गयी, इनमें से 350 से अधिक पर हवाई सेवा शुरू हो चुकी हैं। उड़ान योजना के तहत 50 से ज्यादा नये हवाई अड्डों या उन हवाई अड्डों का संचालन शुरू किया गया जो पहले सेवा में नहीं थे।