नई दिल्ली. तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्ज़ा करने के बाद यह देश सभी पडोसी देशों के लिए खतरा बढ़ गया है। इसी बीच मंगलवार को G20 शिखर सम्मलेन (G20 Summit) की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चिंता व्यक्त करते हुए यह सुनिश्चित करने की अपील की कि अफगानिस्तान क्षेत्रीय या वैश्विक स्तर पर कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत (Terrorism Source) नहीं बनना चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर ट्वीट कर कहा, “अफगानिस्तान पर G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया। साथ ही अफगान नागरिकों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता और एक समावेशी प्रशासन का आह्वान किया।” उन्होंने कहा कि, “अफगानिस्तान में स्थिति को सुधारने के लिए UNSC प्रस्ताव 2593 पर आधारित एक एकीकृत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है।”
पीएम मोदी ने इस क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद और नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी की सांठगांठ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए समर्थन भी व्यक्त किया है।
A unified international response based on UNSC Resolution 2593 is necessary to improve the situation in Afghanistan.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2021
बता दें कि यह बैठक इटली द्वारा बुलाई गई थी, जिसके पास फिलहाल G20 की प्रेसीडेंसी है। बैठक की अध्यक्षता इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की। पीएम मोदी बैठक में वीडियो कांफ्रेंस द्वारा जुड़े थे। इस बैठक में अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति, आतंकवाद से संबंधित चिंताएं और मानवाधिकार के मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि, “पिछले दो दशकों में भारत ने अफगानिस्तान में युवाओं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में योगदान दिया है। उन्होंने याद किया कि भारत द्वारा अफगानिस्तान में 500 से अधिक विकास परियोजनाओं को पूरा किया गया है।”
पीएम ने आगे कहा कि, “अफगानों ने भारत के साथ “महान मित्रता” बनाए रखी है और “हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों के दर्द को महसूस करता है।”
पीएम मोदी ने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए तत्काल और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया।