नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार आज प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने ने ‘सेंट्रल विस्टा’ (Central Vista Website) वेबसाइट को लॉन्च कर दी है। गौरतलब है कि इसके साथ ही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। ये रक्षा कार्यालय परिसर दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में स्तिथ हैं।
Inaugurating Defence Offices Complexes in New Delhi. https://t.co/4n202IC2ei
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2021
इस मौके पर आज PM मोदी ने कहा, आज दिल्ली ‘न्यू इंडिया’ विजन के अनुरूप आगे बढ़ रही है। ये नए रक्षा कार्यालय परिसर अब हमारी सेनाओं के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ बेहतर कामकाजी परिस्थितियों में काम करना संभव बनाएंगे।
बोले राजनाथ सिंह- जर्जर हो चुके थे पुराने ऑफिस
बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले मंत्री हरदीप पुरी और राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी अपना संबोधन दिया। आज उन्होंने बताया कि, मौजूदा ऑफिस जिस जगह हैं वह एक शताब्दी से पुराने हो चले हैं, जिनका बदला जाना जरूरी था। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने बताया कि ये बिल्डिंग्स बहुत ही ज्यादा जर्जर हो गई थीं, इसलिए नए ऑफिस जरूरी थे। उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत (सीडीएस) और सशस्त्र बलों के प्रमुख शामिल रहे।
विदित हो कि इन नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग 7,000 अधिकारी काम कर सकते हैं।आइए जानें इन बिल्डिंग्स की खासियत
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- ये दोनों ही बिल्डिंग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसके तहत लुटियन दिल्ली में आने वाले 86 एकड़ के हिस्से को रीडेवेलप किया जाना है।
- यह प्रोजेक्ट कुल 20 हजार करोड़ रुपये का है। इसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के नए आवास भी बनने हैं।
- रक्षा मंत्रालय के इन दो कार्यालयों को तैयार करने में अब तक 775 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
- अब इन दो नए दफ्तरों में कुल 7 हजार ऑफिसर्स-कर्मचारी काम कर सकेंगे। जो कि 27 अलग-अलग संगठनों के होंगे।
- अफ्रीका एवेन्यू वाला कॉम्पलेक्स 7 मंजिला है, जिसमें सिर्फ रक्षा मंत्रालय के ही दफ्तर होंगे।
- केजी मार्ग वाला दफ्तर 8 मंजिला है, जिसमें परिवहन भवन, श्रम शक्ति भवन के ऑफिस भी होंगे। इनके ऑफिस इनकी नई बिल्डिंग तैयार नहीं होने तक यहां से ही चलेंगे।
- इन नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के अनेकों कर्मचारी बैठेंगे।
- भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और सतत निगरानी करेगा।
- ये नए रक्षा कार्यालय परिसर सुरक्षा के लिहाज से काफी एडवांस हैं। इन इमारतों की एक खासयित यह भी है कि इनके निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, LGSF (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का इस्तेमाल हुआ है।
- इस तकनीक के चलते अब पारंपरिक RCC निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने से कम हो गया है।