नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ बीते बुधवार को PM मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक (PM Modi Cabinet Meeting) में कई बदर और अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में PM मोदी (Narendra Modi) ने तमाम योजनाओं पर मंत्रियों से बात की और कुछ अहम फैसले भी किये। इनमें सबसे महत्वपूर्ण ये रहा कि अब PM पोषण स्कीम (PM Poshan Scheme) को मंजूरी दे दी गई है। इसकी सूचना बैठक के बाद पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और अनुराग ठाकुर (Anuraag Thakur) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया को दी थी ।
लेकी इधर अब मोदी सरकार के इस तरह योजना के नाम बदलने पर बड़ा राजनीतिक बवाल भी छिड़ गया है। इतना ही नहीं विपक्ष के कई दलों ने केंद्र सरकार को अपने निशाने पर लिया है। ऐसे में अब इस विवाद के पीछे क्या प्रमुख कारण है, इस स्कीम में क्या बदलाव हुआ है और विपक्ष क्या कह रहा है। आइये जानें
PM पोषण स्कीम और इसके फायदे
दरअसल बीते बुधवार को कैबिनेट की बैठक में जिस PM पोषम स्कीम को शुरू करने का फैसला किया गया है, उसके तहत अब 11।2 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों के बच्चों के मुफ्त में दिन का खाना मिलेगा। अभी सरकार ने इस स्कीम को अगले 5 सालों के लिए चलाने का अहम् फैसला किया है, जिसके लिए सरकार अपनी जेब से कुल 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
#Cabinet approves Continuation/ Revisions/ Modifications of centrally sponsored national scheme for #PMPOSHAN in schools for five more years with a total financial outlay of ₹1.3 lakh crore#CabinetDecisions
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— PIB India (@PIB_India) September 29, 2021
क्या कुछ जाएगा बदल ?
गौरतलब है कि वैसे तो मौजूदा समय में भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त में खाना दिया जाता है, जिसे मिड डे मील योजना भी कहा जाता है। लेकिन अब इसकी जगह PM पोषण स्कीम ले लेगी और मिड डे मील योजना अब खत्म हो जाएगी। हालाँकि PM पोषण स्कीम को केंद्र और राज्य दोनों मिलकर चलाएंगे। लेकिन इसमें अधिक जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार की ही रहेगी।
क्या है विपक्ष का मुद्दा ?
अब मोदी सरकार की इसी योजना का विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया है। जी हाँ अब विपक्ष का आरोप है कि सिर्फ पुरानी स्कीम का नाम ही बदला नहीं गया है, लेकिन उसे पूरी तरह के निजी हाथों में सौंपने की भी कोशिश की गई है। इस फैसले पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का भी कहना है कि, मोदी सरकार को मिड डे मील का नाम बदलने की जगह सीधा यही कहना चाहिए कि, अडानी सभी इंफ्रास्ट्रक्चर को टेकओवर कर रहे हैं।
Instead of renaming old 1995 Midday Meal (MDM) scheme maybe government should rename Adani takeover of all Indian infra as PM Poshan Scheme instead!
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) September 30, 2021
मिड डे मील स्कीम का नाम बदल कर पीएम पोषण कर दिया गया है.
नाम बदलने से यह कैसे सुनिश्चित होगा कि उत्तर प्रदेश में पीएम पोषण के नाम पर भी बच्चों को केवल नमक-तेल रोटी नहीं परोसी जाएगी? और अगर किसी ज़मीनी पत्रकार ने मामला उठाया तो उसे छह महीने जेल में नहीं काटने पड़ेंगे? https://t.co/4YCse8ci2x
— Manish Sisodia (@msisodia) September 30, 2021
वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मसले पर अब ट्वीट किया है। दरअसल मनीष सिसोदिया ने लिखा कि मिड डे मील स्कीम का नाम बदल कर PM पोषण कर दिया गया है। नाम बदलने से अब यह कैसे सुनिश्चित होगा कि उत्तर प्रदेश में PM पोषण के नाम पर भी बच्चों को केवल नमक-तेल की रोटी नहीं परोसी जाएगी? और याद रखिये कि अगर किसी ज़मीनी पत्रकार ने यह मामला उठाया तो क्या उसे 6 महीने जेल में नहीं काटने पड़ेंगे?