सारण/पटना. बिहार (Bihar) के सारण (छपरा) में जहरीली शराब (Poisonous liquor) से मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस बीच सिवान में भी मौत का मामला सामने आया है। यहां पांच लोगों के मरने की खबर है। इसके अलावा बेगूसराय के तेघड़ा में भी दो की मौत हुई है। इसी के साथ जहरीली शराब के सेवन से मृतक संख्या 66 हो गई। छह साल पहले शराबबंदी की घोषणा के बाद मृतकों की यह संख्या सबसे अधिक है। यह मामला राज्य विधानसभा में भी छाया रहा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने राजभवन तक मार्च निकालने से पहले दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित की।
दोपहर में विधानसभा परिषद की कार्यवाही शुरू होने के चंद मिनट बाद ही विधान पार्षदों ने उनके द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अध्यक्ष द्वारा अनुमति नहीं देने पर हंगामा किया जिसके बाद सदन को दिन में दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में गुस्से से भरा बयान दिया।
Bihar | The death toll in Chapra due to the consumption of spurious liquor rises to 65.
— ANI (@ANI) December 16, 2022
विधानसभा में भी घटना को लेकर इसी तरह का हंगामा हुआ था जिसके चलते सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद इसे स्थगित कर दिया गया। एक दिन पहले नीतीश कुमार ने भड़कते हुए कहा था, “जो पिएगा वो मरेगा। कोई सहानुभूति नहीं है और कोई मुआवजा नहीं मिलेगा”, जिसकी काफी आलोचना हुई थी।
कार्यवाही में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के बीच कई बार तीखी नोकझोंक हुई। गुरुवार रात सारण में प्रभावित मशरक ब्लॉक का दौरा करने वाले सिन्हा ने सदन के अंदर दावा किया कि जहरीली शराब त्रासदी ने “100 से अधिक लोगों की जान ले ली है।”
सिन्हा ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मैं विधानसभा अध्यक्ष के आचरण पर शर्मिंदा हूं, जो सरकार के फरमानों के अनुसार काम कर रहे हैं। मैं उनसे पहले विधानसभा अध्यक्ष था, लेकिन मैंने कभी भी इस तरह पक्षपातपूर्ण तरीके से काम नहीं किया।” सिन्हा ने कहा, “सारण में जो कुछ हुआ वह राज्य प्रायोजित सामूहिक हत्या है। प्रशासन ने जिस विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है वह एक छलावा है। हम लोग राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं। हमारी मांग है कि इस संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जाए। अगर यह संभव नहीं है तो न्यायिक जांच होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम राज्यपाल से आग्रह करेंगे कि वे सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश करें और राष्ट्रपति शासन लागू हो क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के शासन में असंवेदशील रवैये के कारण राज्य में लोगों का जीवन खतरे में है।”
उल्लेखनीय है कि, सारण में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 59 की मौत हो चुकी है। जहां पहले दिन यानी कि बीते मंगलवार को 5 मौतें हुई थीं। इसके बाद फिर बीते बुधवार को 25 और फिर गुरुवार को 19 लोगों की जान गई। वहीं आज यानी शुक्रवार को 10 और लोगों की मौत हो गई। इनमे सबसे ज्यादा मौतें मशरख, अमनौर और मढ़ौरा इलाकों में हुई हैं। इसके साथ ही बीते पिछले 48 घंटे में समूचे जिले में छापेमारी तेज कर दी है और जहरीली शराब बेचने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है। 4,000 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है। (एजेंसी इनपुट के साथ)