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    नयी दिल्ली. सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देने को लोकतंत्र की असली भावना करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और वहां विधानसभा चुनाव की तैयार चल रही है। आजादी के 75वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि हिमालयी, तटीय और आदिवासी क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का ‘‘बड़ा आधार” बनेंगे।

    उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है और इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे छूट गए हैं उन्हें आगे बढ़ाना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज पूर्वोत्तर में संपर्क का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये संपर्क दिलों का भी है और बुनियादी ढांचों का भी है। बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है।”

    उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो या हमारा तटीय क्षेत्र या फिर आदिवासी अंचल हो, यह भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना ही ‘‘लोकतंत्र की असली भावना” है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है।

    उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ लद्दाख आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रहा है।” इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के जिन जिलों के लिए यह माना गया था कि वह पीछे रह गए, उनकी सरकार ने उनकी आकांक्षाओं को जगाया है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं उन्होंने कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, वह अब पोषणयुक्त चावल देगी। उन्होंने कहा, ‘‘राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मध्यान्ह भोजन में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा।”