नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से बातचीत की। मोदी ने इस दौरान कहा कि जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं। मोदी ने कहा कि आज डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी ज़िला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज आकांक्षी ज़िले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से आकांक्षी जिले आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। जो ज़िले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे,आज कई पैमानों में ये आकांक्षी ज़िले भी अच्छा काम करके दिखा रहे हैं।
Prime Minister Narendra Modi interacting with DMs of various districts via video conferencing pic.twitter.com/ARcc3B8PqC
— ANI (@ANI) January 22, 2022
मोदी ने कहा कि पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है और बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है।
डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी ज़िला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/gPDxCevSnf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2022
PM ने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है। इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है। हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए और रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं।
पीएम ने कहा कि सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है। जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिलों में करते हैं।