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    नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 24 मई को तोक्यो में क्वाड नेताओं के तीसरे शिखर सम्मेलन (Quad Summit) में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में क्वाड नेताओं (Quad Leaders) को हिंद-प्रशांत के घटनाक्रम, समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर मिलेगा। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन हिस्सा लेंगे।

    अरिंदम बागची ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मई को टोक्यो में क्वाड समिट में शामिल होंगे। यह क्वाड नेताओं का चौथा शिखर सम्मेलन होगा। पीएम मोदी, जापानी प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।” उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी जापानी बिजनेस लीडर्स के साथ एक बिजनेस इवेंट में हिस्सा लेंगे। वह जापान में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। वे आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष के साथ भी द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।”

    उन्होंने कहा कि, हम क्वाड को बहुत महत्व देते हैं। हम यह दिखाने के लिए उत्सुक हैं कि क्वाड एक साथ क्या कर सकता है और इसका क्या अर्थ है। हम समसामयिक मुद्दों और महत्व के अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

    वहीं, पैंगोंग त्सो झील के पास चीन द्वारा ब्रिज (पुल) तैयार करने की खबरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, “ब्रिज के बारे में रिपोर्ट देखी हैं, ये सैन्य मुद्दा है, इसपर मैं कुछ कह नहीं पाऊंगा, इसे हम अधिकृत क्षेत्र मानते हैं। बातचीत चल रही है। LAC के बारे में हमारी लगातार वार्ता होती रहती है। चीन के विदेश मंत्री भी आए थे, हमारी अपेक्षाएं भी उनके आगे रखी गई। कोशिश रहेगी कि इसे आगे बढ़ाते रहें, बातचीत से समाधान निकालना पड़ेगा।”

    खाद्य सुरक्षा पर बागची ने कहा, “खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बेवजह बढ़ोतरी की गई है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि खाद्य सुरक्षा पर इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव को प्रभावी ढंग से कम किया जाए और कमजोर लोगों को ऐसे बदलावों से बचाया जाए।” उन्होंने कहा, “हमने 13 मई को गेहूं निर्यात के संबंध में कुछ उपायों की घोषणा की। ये उपाय उन देशों को अनुमोदन के आधार पर निर्यात की अनुमति देते हैं, जिन्हें अपनी खाद्य सुरक्षा मांगों को पूरा करने की आवश्यकता है। यह नीति यह सुनिश्चित करेगी कि हम वास्तव में उन लोगों को जवाब देते हैं जो जरूरतमंद हैं।”

    प्रवक्ता ने कहा, “खाद्यान्न की समानता, सामर्थ्य और पहुंच के महत्व को पर्याप्त रूप से समझना आवश्यक है। भारत हमेशा सहयोगी रहा है और कोविड-19 के दौरान भी संकट में अपने सहयोगियों की मदद की है। गेहूं के निर्यात पर इन उपायों को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।”

    यूएस के विशेष दूत उजरा ज़ेया की यात्रा पर अरिंदम बागची ने कहा, “उन्होंने भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित चर्चा। दोनों पक्षों ने दिसंबर 2021 में लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन में पीएम की भागीदारी पर भी चर्चा की, जिसकी मेजबानी राष्ट्रपति बाइडन ने की थी।”

    भारतीय छात्रों की चीन वापसी पर बागची ने कहा, “हम निश्चित रूप से चीनी पक्ष पर उपाय करने के लिए दबाव डालना जारी रखेंगे ताकि भारतीय छात्रों को वापस जाने की आवश्यकता हो और प्रतिबंधों (कोविड) के कारण अब और पीड़ित न हों।”