नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress Crisis) में जारी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद फिर सियासी संग्राम शुरू हो गया है। 20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम बनने के बाद ऐसा लग रहा था कि अब सब ठीक हो गया है। लेकिन आठ दिन साफ हो गया कि मामला अभी भी उलझा हुआ है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी इस मसले को सुलझाने में जुट गई है।
ज्ञात हो कि नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पटियाला में उनके आवास पर देर रात तक हलचल दिखाई पड़ी। सिद्धू के घर पर एक बैठक हुई है। जिसमें कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा सहित कई विधायक मौजूद रहे। इस बैठक के बाद विधायकों ने कहा कि जल्द मामला सुलझा लिया जाएगा। इसी कड़ी में आज सुबह 10.30 बजे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। वैसे कैबिनेट की बैठक पहले 1 अक्टूबर को होनी थी लेकिन सियासी संग्राम के चलते आज हो रही है।
वहीं पंजाब में नवजोत सिद्धू के इस्तीफे के बाद पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। कैबिनेट मंत्री और सिद्धू की करीबी रजिया सुल्ताना ने भी इस्तीफा दिया है। साथ ही दो अन्य लोगों के इस्तीफा देने की खबरें हैं। वैसे सिद्धू के इस्तीफों के पीछे कई चीजों को वजह माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने तीन नियुक्तियों पर आपत्ति जताते हुए इस्तीफा दिया है। जिसमें पहला है राणा गुरजीत को मंत्री बनाना, दूसरा आईपीएस सहोता को डीजीपी और APS देओल को एडवोकेट जनरल बनाना शामिल है।