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बता दें कि, भगवंत मान पंजाब की संगरूर लोक सभा सीट से सांसद हैं।

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    चंडीगढ़, देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) होने वाले है। वहीं, 10 मार्च को चुनाव के नतीजों का ऐलान भी हो जाएगा। इस बीच आज ‘आम आदमी पार्टी’ (Aam Aadmi Party) ने पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) के लिए भगवंत मान (Bhagwant Mann) को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पंजाब में भगवंत मान ‘आप’ का सबसे बड़ा चेहरा है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भगवंत मान ‘आम आदमी पार्टी’ के अकेले ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्हें जीत हासिल हुई थी। बता दें कि, भगवंत मान पंजाब की संगरूर लोक सभा सीट से सांसद हैं। वहीं, वह आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट के अध्यक्ष भी हैं। 

    भगवंत मान (Ghagwant Mann) पंजाब में काफी पॉपुलर है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कॉमेडियन के तौर पर की थी। भगवंत सिंह ने पटियाला स्थित पंजाबी यूनिवर्सिटी में इंटर कॉलेज कंपटीशन के दौरान दो गोल्ड मेडल भी जीते। उन्होंने अपना पहला  कॉमेडी एल्बम जगतार जग्गी के साथ किया था। यह अल्बम काफी पॉपुलर हुआ था। उनका टेलीविजन प्रोग्राम ‘जुगून कहदां है’ भी काफी लोकप्रिय हुआ। दोनों ने मिलकर कनाडा और इंग्लैंड में भी काफी शो किए है। इसके अलावा भगवंत मान ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ शो में भी नज़र आ चुके हैं।

    साल 2012 में भगवंत मान राजनीति में कदम रखा। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत मनप्रीत बादल की पंजाब पीपल पार्टी से की। भगवंत मान ने साल 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव में संगरूर की लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन, उन्होंने जीत नहीं मिली। इसके बाद भगवंत मान साल 2014 में आम आदमी पार्टी से जुड़े। ‘आप’ से जुड़ने के बाद उन्होंने संगरूर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ा। इस बार उन्होंने जीत हासिल की और वह  संसद पहुंचे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 4 सीटें जीती थी। उनमें से एक भगवंत मान की जीती हुई संगरूर लोक सभा सीट थी।

    भगवंत मान साल 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ जलालाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे। लेकिन, उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा। इसी साल चुनाव के दौरान भगवंत मान अपनी शराब पीने की आदत की वजह से काफी विवादों में रहे हैं। इसके बाद साल 2019 में बरनाला में आम आदमी पार्टी की एक रैली में मान ने कभी शराब न पीने की शपथ ली।  भगवंत मान अपनी मां के साथ मंच पर आए और अपनी मां की कसम खाते हुए कहा, “मां कसम मैंने 1 जनवरी से शराब पूरी तरह छोड़ दिया है अब इसे कभी हाथ भी नहीं लगाऊंगा।”

    भगवंत मान धीरे-धीरे अपना राजनीतिक करियर बनाने लगे। वह साल 2017 में आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट के प्रमुख बन गए। लेकिन, साल 2018 में ड्रग्स आरोप और मानहानि मामले में ‘आप’ के नेताओं ने बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगी। इसके बाद मान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अरविंद केजरीवाल के कहने पर उन्होंने एक बार फिर यह पद स्वीकार कर लिया।

    साल 2019 के आम चुनाव में एक बार फिर भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और उन्होंने 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। विशेष बात यह थी कि, आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में यदि कोई एक सीट जीती तो वह संगरूर लोक सभा सीट थी।

    भगवंत मान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, राजनीति में आने की वजह से उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ा। भगवंत मान का उनकी पत्नी से 2015 में ही तलाक हो गया। उन्होंने बताया था कि, ‘मेरी अब मेरे बच्चों से फोन पर भी बात नहीं होती। शायद मैं अपने परिवार को समय नहीं दे पाता था, इस वजह से मुझे अपनी पत्नी से दूर होना पड़ा। हमने आपसी सहमति से ही तलाक लिया था।’