नयी दिल्ली. कभी यहाँ किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के एक साल तक देश के किसान दिल्ली कि सडकों पर डटे रहे। वे खुले आसमान के नीचे तंबू और टेंट के भीतर गर्मी-सर्दी सब सहते रहे। लेकिन मजाल है कि आज भी किसानों के चेहरे पर कोई परेशानी नहीं। बल्कि अब तो उनके भीतर एक जीत का भाव है। जी हाँ अब किसानों में जैसे जश्न का माहौल है।
Delhi: Farmers vacate the Singhu border area after announcing to suspend their year-long protest against the 3 farm laws & other related issues. pic.twitter.com/dFUhsviFVT
— ANI (@ANI) December 11, 2021
आखिर हो भी क्यों न कानून वापसी की मांग मनवाकर आज किसान वापस अपने घर लौटे रहे हैं। किसान घर वापसी कैसे कर रहे हैं। कैसे वो सड़कों पर बनाए अपने ही आशियाने को तोड़ रहे हैं। आज यहीं अब आपको दिखाएंगे।
Protesting farmers take down their tents at Ghazipur border (Delhi-UP border) as they prepare to return to their homes following the announcement of the suspension of their year-long protest. pic.twitter.com/mSAWOc2WOz
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
गौरतलब है कि दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) 378 दिन बाद खत्म हो गया है। किसान नेता का कहना है कि अहंकारी सरकार को झुकाकर जा रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि यह मोर्चे का अंत नहीं है इसे सिर्फ स्थगित किया है। किसान आंदोलन के खत्म होने के ऐलान के साथ ही टेंट उखाड़ने और सामान समेटने का काम गुरुवार को ही शुरू हुआ था। जो आज भी जारी है।
क्या हो रहा आज
अब आज प्रदर्शनकारी किसान सिंघु बॉर्डर से प्रदर्शन स्थल खाली करके जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज से प्रदर्शन स्थल खाली करने की घोषणा की थी।युक्त किसान मोर्चा ने आज से प्रदर्शनकारी किसानों के आंदोलन स्थल से उठने की घोषणा की है। इस बीच टिकरी बॉर्डर पर किसान जश्न मनाते दिखे।इसके साथ ही किसानों के अपने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा के बाद गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान अपने टेंट हटा रहे हैं।
#WATCH | Delhi: Farmers celebrate the success of their protest against the 3 farm laws & other related issues at Tikri Border after the suspension of their year-long protest. pic.twitter.com/oFvn0cJxdz
— ANI (@ANI) December 11, 2021
वहीं आज BKU नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, “आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हज़ारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे।”
A large group of farmers shall vacate the area at 8 AM tomorrow. In today’s meeting, we’ll talk, pray, & meet the people who helped us. People have started vacating already, it’ll take 4-5 days. I will leave on 15th December: BKU leader Rakesh Tikait at Ghazipur Border pic.twitter.com/FG4Zhz4S9e
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
क्या है आगे की रणनीति
वहीं अब दूसरी तरफ इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों ने अपना पूरा कार्यक्रम वापस जाने के लिए बनाया है। जिसके तहत आज यानी 11 दिसंबर को राजधानी दिल्ली से पंजाब के लिए एक फतेह मार्च निकाला जाएगा। इसमें सिंघु और टिकरी बॉर्डर से एक साथ पंजाब के लिए किसान रवाना होंगे। हरियाणा के भी 28 किसान संगठनों ने भी अपनी अलग रणनीति बनाई हुई है।
Delhi: Farmers start removing their settlements from the Tikri Border, after the suspension of their year-long protest against the 3 farm laws & other related issues pic.twitter.com/4n0qZe1s3D
— ANI (@ANI) December 11, 2021
पता हो कि किसानों की मांगो पर केंद्र की तरफ से कई मसलों पर सहमति बनने के बाद अब किसान आंदोलन खत्म हुआ है। अब MSP को लेकर केंद्र सरकार कमेटी बनाएगी। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चे के प्रतिनिधि भी शामिल किये जाएंगे। अभी जिन फसलों पर MSP मिल रही है वह फिलहाल जारी रहेगी। साथ ही किसानों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार राजी हो गई है। इसके साथ ही दिल्ली और अन्य अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के साथ रेलवे द्वारा दर्ज मामले भी तुरंत वापस होंगे।