Rail Roko Andolan
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    नयी दिल्ली. केंद्र (Center) के तीन कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध (Protest) कर रहे किसान संगठनों (Farmer organizations) ने बृहस्पतिवार को चार घंटे के अपने राष्ट्रव्यापी रेल रोको (Nationwide Rail Roko) आह्वान को “शांतिपूर्ण और सफल” बताया। नए कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के परचम तले आंदोलन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों को वापस लेना होगा क्योंकि “देश भर में किसानों का गुस्सा बढ़ रहा है।”

    संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में दावा किया कि बृहस्पतिवार को देश भर में सैकड़ों स्थानों पर दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ट्रेनों को रोका गया। हालांकि, रेलवे ने कहा कि किसानों के “रेल रोको” आंदोलन के कारण ट्रेन सेवाओं पर नगण्य या बहुत कम प्रभाव पड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, “यह एक शांतिपूर्ण और सफल आयोजन था… बड़ी संख्या में भारत के नागरिकों ने किसानों के आंदोलन के प्रति केंद्र के रवैये का विरोध किया है।”

    बयान में कहा गया है, “किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है और केंद्र को कानूनों को वापस लेना होगा।” एसकेएम सदस्य जगमोहन सिंह ने कहा कि देश के लोगों के अनूठे समर्थन और चतुर्दिक सक्रियता ने आंदोलन को और मजबूत किया है। बयान में उनके हवाले से कहा गया है, “किसानों का आंदोलन सफल होगा और (नरेंद्र) मोदी सरकार की मंशा को नाकाम किया जाएगा।”

    इससे पहले दिन में भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के “रेल रोको” आह्वान का ट्रेन सेवाओं पर मामूली प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि अधिकतर जोनल रेलवे ने प्रदर्शन के कारण किसी भी घटना की सूचना नहीं दी है।

    प्रवक्ता ने कहा, “रेल रोको आंदोलन बिना किसी अप्रिय घटना के समाप्त हो गया। देश भर में ट्रेनों की आवाजाही पर मामूली या न्यूनतम प्रभाव पड़ा। सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही अब सामान्य है। उन्होंने कहा कि रेल रोको आंदोलन के दौरान सभी संबंधितों पक्षों द्वारा अत्यंत संयम का परिचय दिया गया।” (एजेंसी)