नयी दिल्ली. जी हाँ एक बार फिर फूड डिलिवरी ऐप Zomato की सोशल मीडिया टीम का जायका अभी पूरी तरह से बिगड़ चूका है। दरअसल कंपनी के एक एक्जीक्यूटिव से कस्टमर की चैट के कुछ स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए हैं। ख़बरोंके मुताबिक तमिलनाडु में रहने वाले एक शख्स ने अब यह आरोप लगाया कि Zomato एक्जीक्यूटिव ने उससे हिंदी सीखने की सलाह दी है।
स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए विकास (Vikas) नाम के शख्स ने लिखा कि ” Zomato के कस्टमर केयर का कहना है कि मेरा रिफंड इसलिए नहीं किया क्योंकि मुझे हिंदी नहीं आती। इसके साथ ही उसने मुझे झूठा भी करार दे दिया।” वहीं इस शख्सने जोमैटो कर्मचारी से यह भी कहा कि ” हिंदी तो राष्ट्रभाषा है और सबको थोड़ी-बहुत यह आनी ही चाहिए।”
Ordered food in zomato and an item was missed. Customer care says amount can’t be refunded as I didn’t know Hindi. Also takes lesson that being an Indian I should know Hindi. Tagged me a liar as he didn’t know Tamil. @zomato not the way you talk to a customer. @zomatocare pic.twitter.com/gJ04DNKM7w
— Vikash (@Vikash67456607) October 18, 2021
अब बस फिर क्या था , इसके बाद कई लोगों ने Zomato से चैट पर यही सवाल पूछना शुरू कर दिया कि क्या हिंदी राष्ट्रभाषा है? बता दें कि दक्षिणी राज्यों में पहले से ही हिंदी ‘थोपे’ जाने के खिलाफ आवाज बुलंद होती रही है, ऐसे में सोशल मीडिया पर भी एक बड़ी मुहिम शुरू हो गई है, जोमैटो को सबक सिखाने की। अब इस ऐप को बड़ी संख्या में अनइंस्टॉल किया जा रहा है और साथ ही जोमैटो से सामने आकर अपना स्टैंड साफ करने को भी कहा जा रहा है।
I need a strong clarification and public apology from the concerned person who accused me a liar and asked me to learn Hindi without any base reasons
— Vikash (@Vikash67456607) October 18, 2021
आखिर क्या है पूरा विवाद?
दरअसल #Reject_Zomato ट्रेंड की शुरुआत हुई विकास नाम के एक यूजर के एक छोटे से मगर संवेदनशील ट्वीट से। उनके मुताबिक, उन्होंने जो ऑर्डर किया उसमें से एक आइटम नहीं पहुंचा था। ऐसे में उन्होंने ऐप पर इस कस्टमर केयर से चैटिंग शुरू की। कस्टमर ने मिसिंग आइटम का रिफंड मांगा तो स्क्रीनशॉट्स के अनुसार, एक्जीक्यूटिव ने उन्हें बताया कि होटल वाले दरअसल उसकी भाषा नहीं समझ पा रहे हैं। इस पर विकास ने कहा कि इसकी चिंता करना उनका काम कतई नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि “अगर जोमैटो तमिलनाडु में उपलब्ध है तो उन्हें ऐसे लोगों को रखना चाहिए जो भाषा को समझते हों।” इस पर जवाब में जोमैटो एक्जीक्यूटिव ने भी कहा कि “हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। तो यह बेहद ही कॉमन और प्रमुख रूप से बोली जाती है। सबको ही थोड़ी-बहुत हिंदी आनी चाहिए।’
For everyone to know this 👇#Reject_Zomato pic.twitter.com/LB5L5xuQAT
— நாகப்பட்டினத்தான்! ❁ (@nagapattinathan) October 19, 2021
…और #Reject_Zomato हो गया ट्रेंड
इधर विकास के ट्वीट पर जोमैटो ने उनसे उनका मोबाइल नंबर मांगा। इसके साथ ही एक ट्वीट में विकास ने लिखा कि अब वह “मजबूत सफाई और सार्वजनिक माफी” भी चाहते हैं। इधर कंपनी के कस्टमर केयर ने इसके जवाब में बताया कि फोन पर बातचीत के बाद विकास अब संतुष्ट हैं। हालांकि तब तक विकास का ट्वीट पूरी तरह से वायरल हो चुका था। उनकी चैट के स्क्रीनशॉट्स शेयर कर लोग Zomato पर हिंदी ‘थोपने’ का बड़ा आरोप भी लगाने लगे। दक्षिण प्रदेशों में ये गुस्सा प्रमुखता से देखा गया।
#Reject_Zomato AND YOU DON’T HAVE CUSTOMER SUPPORT IN TAMIL LANGUAGE THEN HOW CAN YOU SENDING NOTIFICATION IN TAMIL…
Begging needs regional language Righttt???? Just remove that language racist bastard from your company & post a tweet Or else you’ll face great loss pic.twitter.com/zZjLt8UX7e— Tamizharasu.g (@tamilspicy) October 19, 2021
5⭐ to 1⭐
Dear @zomato @zomatocare HINDI IS NOT OUR NATIONAL LANGUAGE. IF YOU WANT TO DO BUSINESS IN OUR STATE PLACE EMPLOYEES WHO KNOWS OUR LANGUAGE.#Reject_Zomato pic.twitter.com/mR4OAQbzB8— Calmrade (@Calmrade) October 18, 2021
Hindi is not our national language it’s one of the official language.
Bye bye @zomato @zomatocare#Reject_zomato pic.twitter.com/4D803W5wzt— Vino (@Vinothk50225581) October 18, 2021
पहली बार विवादों में नहीं आया Zomato
गौरतलब है कि इसके दो साल पहले Zomato को सोशल मीडिया पर भारी गुस्से का सामना करना पड़ा था। तब एक कस्टमर ने यह बड़ी शिकायत की थी कि उसे दूसरे धर्म का डिलिवरी बॉय असाइन कर दिया गया। तब ग्राहक ने हिंदू डिलिवरी बॉय की मांग की। उसने स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डाले जिसके जवाब में Zomato ने ट्वीट किया कि “खाने का कोई धर्म नहीं होता। यह खुद एक धर्म है।” इसके बाद जोमैटो के खिलाफ ही एक ट्रेंड चलने लगा। तब भी कई यूजर्स ने Zomato को आड़े हाथों लेता हुआ पूछा था कि जोमैटो ‘जैन’ और ‘हलाल’ का टैग आखिर क्यों लगाता है।