नई दिल्ली. रूस (Russia) ने लंबे तनाव के बाद गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे यूक्रेन पर हमला बोल दिया। रूस ने यूक्रेन पर रूस, बेलारूस और क्रीमिया बॉर्डर से हमला किया है। रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंच गए हैं। यहां अब तक 54 यूक्रेनी सैनिक और 10 नागरिक मारे जा चुके हैं। वहीं, यूक्रेन ने रूस के 50 सैनिकों को मारने और 6 फाइटर जेट्स-टैंक तबाह करने का दावा किया है। यूक्रेन इस समय मुश्किल में फंस गया है और मदद की गुहार लगा रहा है। यूक्रेन ने भारत से भी मदद मांगी है। यूक्रेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस से बात करने को कहा है।
इस मामले में कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि, “मामले में हस्तक्षेप करने के लिए भारत से यूक्रेन का अनुरोध पूरी तरह से समझ में आता है। हमारा स्टैंड यह रहा है कि हम दूसरे देशों पर हमला करने और हिंसा और युद्ध के जरिए सत्ता परिवर्तन का समर्थन नहीं करते।”
Ukraine's request to India to intervene in the matter is completely understandable. Our stand has been that we do not support invading other countries and regime change through violence & war: Congress Lok Sabha MP Shashi Tharoor pic.twitter.com/XEKTTOxc8v
— ANI (@ANI) February 24, 2022
थरूर ने कहा, “रूस एक मित्र है और कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं लेकिन भारत के लिए इस पर अचानक चुप हो जाना यूक्रेन और उसके मित्र राष्ट्रों द्वारा निराशा के रूप में देखा जाएगा। यह अफ़सोस की बात है कि भारत चुप हो गया है।”
कांग्रेस के सांसद ने कहा, “यह अच्छी तरह से प्रतिबिंबित नहीं होता है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट की आकांक्षा रखने वाला भारत जैसा देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सिद्धांतों पर पूरी तरह से चुप हो जाता है।”
There are 24,000 students from India whereas 2,300 are from Kerala who are stuck in Ukraine and I have too received messages for intervention. Since air-space is closed there is no practical way to fly them back to the country: Congress Lok Sabha MP Shashi Tharoor#UkraineCrisis pic.twitter.com/5o0tgjS6Kt
— ANI (@ANI) February 24, 2022
उन्होंने कहा, “भारत के 24,000 छात्र हैं जिनमें 2,300 केरल से हैं जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं। मुझे भी हस्तक्षेप के लिए संदेश प्राप्त हुए हैं। चूंकि हवाई क्षेत्र बंद है, इसलिए उन्हें देश वापस भेजने का कोई व्यावहारिक तरीका नहीं है।”
सांसद थरूर ने कहा, “यदि चीनी हमारे देश में प्रवेश करते हैं तो हम चाहेंगे कि दूसरे देश हमारे लिए खड़े हों। अगर यूक्रेन हमसे रूसियों से बात करने की उम्मीद करता है, तो कम से कम हमें कोशिश करनी चाहिए।”