मुंबई, महाराष्ट्र में फिर सियासी दाँव -पेंच शुरू हो चुके हैं। लेकिन इस बार इसका केंद्र बिंदु इस बार पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी और 80 के दशक के कुख्यात डॉन करीम लाला है। विदित हो
मुंबई, महाराष्ट्र में फिर सियासी दाँव -पेंच शुरू हो चुके हैं। लेकिन इस बार इसका केंद्र बिंदु इस बार पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी और 80 के दशक के कुख्यात डॉन करीम लाला है। विदित हो कि कल एक मीडिया समुह को दिएएक साक्षात्कार में शिवसेना के कद्दावर नेता संजय राउत ने यह बयान दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में पुराने डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे और तय करते थे कि पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा।
Sanjay Raut, Shiv Sena: There was a time when Dawood Ibrahim, Chhota Shakeel, Sharad Shetty used to decide who would be Police Commissioner of Mumbai & who would sit in ‘Mantralaya’. Indira Gandhi used to go and meet Karim Lala. We’ve seen that underworld, now it’s just ‘chillar’ pic.twitter.com/aLC6KoujRZ
— ANI (@ANI) January 15, 2020
कल बुधवार को दिए गए इस साक्षात कार में संजय राउत यह भी कह बैठे कि " एक समय था जब दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, शरद शेट्टी तय करते थे कि मुंबई का पुलिस कमिश्नर कौन होगा और ‘मंत्रालय’ में कौन बैठेगा। इंदिरा गांधी तो करीम लाला से मिलने भी आती थीं। हमने देखा है कि अंडरवर्ल्ड का वर्चस्व क्या होता है, अभी तो सिर्फ ‘चिल्लर’ है। "
वहीं जब आज तमाम मीडिया हाउस और महारष्ट्र के राजनेताओं ने इस पर सियासत आरम्भ कि तो संजय राउत आज अपने ट्वीटर पर यह सफाई देते हुए नजर आये कि उन्होंने दिरा गांधी, पंडित नेहरू, राजीव गांधी और गांधी परिवार के प्रति जो सम्मान दिखाया है वह विपक्ष भी कभी नहीं कर पाया। उन्होंने ये भी कहा कि जब भी इंदिरा गांधी पर लोगो ने निशाना साधा है, वे उनके सम्मान के लिए उठ खड़े हुएँ हैं। अपने ट्वीटर पर उन्होंने लिखा कि " मैंने इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू, राजीव गांधी और गांधी परिवार के प्रति जो सम्मान दिखाया है, वह विपक्ष में होने के बावजूद किसी ने नहीं किया है। जब भी लोगों ने इंदिरा गांधी पर निशाना साधा है, मैं उनके लिए खड़ा हुआ हूं"।
Sanjay Raut, Shiv Sena: Many political people used to come to meet Karim Lala, times were different back then. He was a leader of the Pathan community, he had come from Afghanistan. So, people used to meet him over the problems faced by the Pathan community. https://t.co/4X45RmimEj pic.twitter.com/kZvnMnQiLc
— ANI (@ANI) January 16, 2020
अब यह देखना भी रोचक होगा कि इंदिरा गाँधी और करीम लाला पर वक्तव्य देकर संजय राउत ने जिस चिंगारी को हवा दी है। उसकी राजनीतिक आग कितने दूर तक फैलेगी और इस आग को उद्धव ठाकरे कैसे संभालेंगे।