नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में बृहस्पतिवार को एक साल की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर पीड़ित परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया।
SC allows review application, imposes one-year rigorous imprisonment on Congress leader Navjot Singh Sidhu in a three-decade-old road rage case pic.twitter.com/cyYfsXh92o
— ANI (@ANI) May 19, 2022
हालाँकि यह सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि सिद्धू की सजा बढ़ाई जाए या नहीं। वहीं पीड़ित परिवार की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गईं थीं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष पीठ में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल के सामने पीड़ित परिवार यानी याचिकाकर्ता की ओर से सिद्धार्थ लूथरा ने कई पुराने मामलों में आए फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि सड़क पर हुई हत्या और उसकी वजह पर कोई विवाद नहीं है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी साफ है कि हत्या में हमले की वजह से चोट आई थी, हार्ट अटैक नहीं, लिहाजा दोषी को दी गई सजा को और बढ़ाया जाए।
गौरतलब है कि 15 मई, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में मात्र 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया था। इस घटना में पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया था और उन्हें 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन SC ने उन्हें 30 साल से अधिक पुरानी घटना बताते हुए 1000 रुपये के मामूली जुर्माने पर छोड़ दिया था।