Supreme Court
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    नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को प्रोन्नति (SC- ST Quota in Promotions) में आरक्षण देने के लिए कोई मानदंड तय करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें एससी/एसटी के प्रतिनिधित्व में कमी के आंकड़े एकत्र करने के लिए बाध्य हैं। 

    शीर्ष अदालत ने कहा कि वह एससी/एसटी के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का पता लगाने के लिए कोई मानदंड तय नहीं कर सकती और यह राज्यों को करना होगा।  इससे पहले, केंद्र ने पीठ से कहा था कि यह तथ्य है कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, लेकिन एससी/एसटी वर्ग के लोगों को अगड़ी जातियों के लोगों के समान अहमियत नहीं दी जाती। 

     

    उच्चतम न्यायालय ने इस पर 26 अक्टूबर 2021 को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि वह अपना फैसला बाद में सुनायेगा। (एजेंसी)