9/11 attacks: PM Modi said – a date that is remembered in the history of the world as an attack on humanity, same date has also taught us humanitarian values
File Photo Credits-ANI Twitter)

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    नई दिल्ली: पीएम मोदी (PM Modi) ने पूरे देश में आज से 17 सितंबर तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व 2021 (Shikshak Parv 2021) का उद्घाटन कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने औपचारिक शुरूआत वर्चुअल मोड में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर दी है। इस दौरान पीएम ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी पांच योजनाओं को भी लॉन्च किया है। जिससे छात्रों और शिक्षकों को लाभ मिलेगा। 

    शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले हमारे शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो योगदान दिया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है।

    पीएम मोदी का बयान-

    मोदी ने कहा कि आज शिक्षक पर्व के अवसर पर अनेक नई योजनाओं का प्रारंभ हुआ है। ये पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है।

    उन्होंने कहा कि आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और यूएलडी बेस आईएसएल डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी।

    पीएम ने कहा कि अब समय है कि हम अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाएं। हमने कोरोना काल के मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है उसे एक नई दिशा दें। आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी भी है। 

    मोदी ने कहा-इसमें समाज को जोड़ना है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि NEP के फार्मूलेशन से लेकर कार्यान्वयन तक हर स्तर पर शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, शिक्षकों का योगदान रहा है। आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है।

    मोदी की अपील, हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाए। 

    पीएम ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। हमारे युवा इनसे कितना प्ररित हुए हैं। मैंने अपने खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाए। उन्होंने कहा कि आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा न केवल समावेशी होनी चाहिए बल्कि न्यायसंगत भी होनी चाहिए। इसीलिए आज देश टाकिंग बुक्स और ऑडियो बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है।

    PM ने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं, और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है। पिछले 6-7 वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।