farmers Protest singhu border 01
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    नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के प्रदर्शन स्थल सिंघू बार्डर पर एक व्यक्ति की नृशंस हत्या के बाद शुक्रवार को तनाव बना रहा एवं प्रदर्शनकारियों ने इस घटना से दूरी बनाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी किसानों ने इस हत्या के परिणामों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। उन्होंने उन पत्रकारों से भी दूरी बनाये रखी जो इस घटना के कवरेज के लिए सिंघू बार्डर पहुंचे थे। कुछ मीडियाकर्मियों ने दावा किया कि उन्होंने जब प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया तब उनमें से कुछ ने उनके साथ दुर्व्यहार किया।

    एक खबरिया चैनल के कैमरामैन को तब खदेड़ा गया जब वह घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस के अनुसार जिसकी हत्या की गयी है वह पंजाब के तरणतारण जिले का निवासी लखबीर सिंह (35) है। उसका शव उस मंच के पास पुलिस बैरीकेड से बंधा मिला जिसे दस महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने तैयार कर रखा है। सोशल मीडिया पर फैले वीडियो क्लिप में कुछ निहंग वहां खड़े नजर आ रहे हैं और वह व्यक्ति खून से लथपथ जमीन पर पड़ा है, उसका कटा हुआ हाथ उसके बगल में है।

    क्लिप में निहंगों का यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे सिखों के पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने की सजा दी गयी है। वैसे कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि दो समूह थे, एक समूह उसे दंडित करने के पक्ष में था जबकि दूसरा कानून को हाथ में लेने के विरूद्ध था। सुखविंदर सिंह ने दावा किया कि यह घटना तड़के साढ़े चार बजे हुई , दरअसल उस व्यक्ति ने गुरू ग्रंथ साहिब को गंदी जगह रखकर उसका अपमान किया था।

    उसने कहा, ‘‘ सुबह में स्थिति तनावपूर्ण थी क्योंकि लोग इस घटना को लेकर नाराज थे। दो समूह थे , एक कह रहा था कि कानून हाथ में लेना उपयुक्त नहीं है जबकि दूसरे की भावना गुरू ग्रंथ साहिब के साथ थी।” एक अन्य प्रदर्शनकारी रवींद्र सिंह ने कहा कि स्थिति तब नियंत्रण में आयी जब लोगों को इस घटना की हकीकत पता चली। उसने कहा, ‘‘ सुबह बहुत चिंता एवं तनाव था। किसी को भी धार्मिक संवेदना के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है और किसी की जान लेना भी सही बात नहीं है। दोषी व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया जाना चाहिए था।”

    किसान नेता योगेंद्र यादव ने एक वीडियो संदेश में इस घटना से किसान प्रदर्शन को अलग करने की कोशिश की। किसान संगठनों के महागठबंधन संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि निहंगों ने नृशंस हत्या की जिम्मेदारी ली है क्योंकि उसने पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने का प्रयास किया था। यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘‘ एसकेएम के नेता ने पहले ही निहंगों से अपील की थी कि उनका किसान प्रदर्शन से कोई लेना- देना नहीं है और उन्हें चले जाना चाहिए क्योंकि यह धार्मिक आंदोलन नहीं है।”

    रोहतक रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संदीप खिरवार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हमने मामला दर्ज कर लिया है और अपराधियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।” सोनीपत पुलिस ने कहा कि उसने प्रदर्शनस्थल पर कुछ लोगों से इस घटना के बारे में पूछताछ करने का प्रयास किया था , शुरू में कुछ लोगों ने पुलिस का विरोध किया था।(एजेंसी)