नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिवगिरि तीर्थ यात्रा की 90वीं वर्षगांठ (Sivagiri Pilgrimage Anniversary) और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में आज हिस्सा लिया। साथ ही उन्होंने साल भर चलने वाले संयुक्त समारोहों का लोगो भी लॉन्च किया। मोदी ने इस दौरान कहा कि हमारा विजन भी वैश्विक होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से 25 साल बाद देश अपनी आज़ादी के 100 साल मनाएगा, और दस साल बाद हम तीर्थदानम् के 100 सालों की यात्रा भी उत्सव मनाएंगे। इन सौ सालों की यात्रा में हमारी उपलब्धियां वैश्विक होनी चाहिए, और इसके लिए हमारा विज़न भी वैश्विक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीर्थदानम् की 90 सालों की यात्रा और ब्रह्म विद्यालयम् की गोल्डेन जुबली ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है। ये भारत के उस विचार की भी अमर यात्रा है, जो अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग माध्यमों के जरिए आगे बढ़ता रहता है।
आज से 25 साल बाद देश अपनी आज़ादी के 100 साल मनाएगा, और दस साल बाद हम तीर्थदानम् के 100 सालों की यात्रा भी उत्सव मनाएंगे। इन सौ सालों की यात्रा में हमारी उपलब्धियां वैश्विक होनी चाहिए, और इसके लिए हमारा विज़न भी वैश्विक होना चाहिए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/3Zjjy3bWO3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 26, 2022
पीएम ने कहा कि श्री नारायण गुरु ने आधुनिकता की बात की! लेकिन साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को समृद्ध भी किया। उन्होंने उन्होंने शिक्षा और विज्ञान की बात की! लेकिन साथ ही धर्म और आस्था की हमारी हजारों साल पुरानी परंपरा का गौरव बढ़ाने में कभी पीछे नहीं रहे।
मोदी ने कहा कि ये गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने की लड़ाई तो थी ही लेकिन इसके साथ ही एक आज़ाद देश के रूप में हम होंगे, कैसे होंगे, इसका विचार भी था क्योंकि हम किस चीज के खिलाफ हैं, केवल यही महत्वपूर्ण नहीं होता। हम किस सोच के, किस विचार के लिए एक साथ हैं, ये भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
उन्होंने कहा कि देश इस समय अपनी आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे समय में हमें ये भी याद रखना चाहिए कि हमारा स्वतन्त्रता संग्राम केवल विरोध प्रदर्शन और राजनैतिक रणनीतियों तक ही सीमित नहीं था।