
नई दिल्ली: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को बंगाल सरकार की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को समिति बनाने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अदालत के इस निर्णय के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “मैं अपने लोकतंत्र में पहली बार देख रही हूं कि सीएम लोगों को मरते हुए देख रही हैं क्योंकि उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं अदालत का आभार व्यक्त करता हूं क्योंकि इससे उन लोगों को विश्वास होगा, जिन्हें परेशान किया गया, हत्या की गई और जिन महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, उन्हें न्याय मिलेगा।”
I express my gratitude to court as this will give believe to people who were harassed, murdered, & women who were raped that they will get justice. I'm seeing for first time in our democracy that CM is watching people dying because they didn't vote for her: Union Min Smriti Irani https://t.co/KRINh76b1v pic.twitter.com/vMPIa5hLIQ
— ANI (@ANI) June 21, 2021
पहली बार चुनाव के बाद लोग घर छोड़ जा रहे
स्मृति ईरानी ने कहा, “हमारे देश में पहली बार, चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, हजारों लोग अपने घरों/गांवों को छोड़कर सीमा पार कर रहे हैं और ममता बनर्जी और टीएमसी से माफ़ी मांग रहे हैं, कह रहे हैं कि वे धर्म परिवर्तन के लिए तैयार हैं।”
वोट नहीं देने पर छह साल की बच्ची की हत्या
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “महिलाओं को उनके घरों से निकाल दिया जाता है और खुलेआम बलात्कार किया जाता है, चाहे वह दलित हो या आदिवासी महिला। एक 60 वर्षीय महिला यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची कि उसके 6 साल के पोते के सामने सिर्फ इसलिए बलात्कार किया गया क्योंकि वह एक भाजपा कार्यकर्ता थी। चुप रहकर और कितने रेप देखूंगी?”
स्वयं घोषित बुद्धिजीवी सब चुप
ईरानी ने कहा, “क्या आम आदमी अपने राज्य में सुरक्षित है जब केंद्रीय मंत्रियों की कार पर लोगों ने पथराव किया था। मैं उन लोगों से सवाल करना चाहूंगी जो खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता कहते हैं, उन्होंने प्रेस क्लब के सामने बलात्कार की शिकार महिलाओं के लिए जुलूस क्यों नहीं निकाला।”
Is common man safe in their state when Union Ministers' car was stone pelted by people. I would like to question people who call themselves human right activists, why didn't they held any procession in front of Press Club for women who were raped: Union Minister Smriti Irani pic.twitter.com/DXRfmjSe5S
— ANI (@ANI) June 21, 2021
क्या सरकार को केवल दर्शक बनकर रहना चाहिए?
मुख्यमंत्री और बंगाल सरकार से सवाल करते हुए केंद्रीय मंत्री ने पूछा, “राज्यपाल हों या नहीं, अगर कोई महिला रेप के बाद आपसे मदद मांग रही है तो क्या आपकी आंखें नम नहीं होंगी? क्या तुम्हें दुख नहीं होगा? अगर लोग दया की भीख मांग रहे हैं और ममता बनर्जी से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं तो क्या सरकार को केवल दर्शक बनकर रहना चाहिए?”