नई दिल्ली: हर हिन्दू धर्म को मानने वाले श्रद्धालुओं की दिली इच्छा होती है, कि जीवन में कम से कम एक बार चार धाम यात्रा जरूर करें। लेकिन हालही में जो आंकड़े सामने आएं है, वह काफी चौकाने वाला है। जिससे यात्रियों के दिल में भय का वातावरण बनना लाजमी है। पिछले कुछ दिनों में बदरी,केदारनाथ सहित चारों धामों में लगभग 102 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। बीते रविवार को चारधाम यात्रा पर आये 3 यात्रियों की ठंड लगने और आक्सीजन की कमी के चलते अचानक हृदय गति रुकने से मौत हो मौत हो गई थी। प्रशासन की तरफ से भले ही स्वास्थ और सुरक्षा की उचित व्यवस्था के दावे किये जाते हों, लेकिन मौत का यह आकड़ा दर्शनार्थियों की चिंता को काफी हद तक बढ़ा दी है।
जानकारी के मुताबिक पिछले 27 दिनों में लगभग 102 मौत से सरकार की भी नींद उड़ गई है। लगातार हो रहे मौत के आकड़ों को कम करने के लिए प्रशासन 50 साल तक के लगभग 5600 यात्रियों का स्क्रीनिंग कर चुकी है। साथ ही जिन श्रद्धालओं की तबियत अस्वस्थ है उन्हें आराम करने की सलाह दे रहें हैं। इसके आलावा लगभग 56 हजार से अधिक यात्रियों के लिए ओपीडी व्यवस्था की गई है।
विदित है,बदरी केदारनाथ धाम के क्षेत्र में अधिक ठंड और ऊंचाई वाले टेढ़े-मेढ़े रास्तों के चलते यात्रियों को अधिक परेशानी होती है। स्थानीय स्वास्थ महानिदेशक शैलेजा भट्ट की माने तो अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हाइपोथर्मिया व आक्सीजन की कमी बढ़ जाती है। उनका कहना है मेडिकल रिलीफ केंद्रों पर उचित आक्सीजन व्यवस्था,दवाईयांऔर पर्याप्त डाक्टरों की व्यवस्था की गई हैं। वही इन आकड़ो के देखे तो अब तक यमुनोत्री में 26,केदारनाथ में 50,गंगोत्री में 7 तो वहीं बद्रीनाथ में कुल मिलाकर 102 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
ऐसे में यात्रियों के मौत का आकड़ा कम हो सके इसके लिए शासन-प्रशासन को और उचित व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे भयमुक्त होकर और अधिक श्रद्धालु दर्शन करने बदरीनाथ चार धाम पहुंच सके।