योगी सरकार में जमकर चली सोशल इंजीनियरिंग, पिछड़ों-दलितों को खूब मौका, कई कद्दावरों का पत्ता कटा

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: यूपी (UP) के नए मंत्रिमंडल में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering) साफ दिखती है साथ ही पूरब से लेकर पश्चिम तक की नुमांइदगी का ख्याल रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) मंत्रिमंडल में बड़ी तादाद में पिछड़ों और दलितों की हिस्सेदारी के साथ बीजेपी (BJP) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार कर दी है।

    मंत्रिमंडल में पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा युवाओं को तरजीह दी गयी है। पिछली सरकार की तर्ज पर दो उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई तो कई कद्दावर मंत्रियों का पत्ता साफ कर नए लोगों को जगह दी गई है। पिछली सरकार के 23 मंत्रियों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है।

    कई कद्दावर मंत्रियों का पत्ता कटा

    योगी के नए मंत्रिमंडल में पिछली सरकार के कई कद्दावर मंत्रियों का पत्ता कट गया है। इनमें सतीश महाना , दिनेश शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, महेंद्र सिंह, मोती सिंह, नीलकंठ तिवारी, जय प्रताप सिंह जैसे प्रभावशाली लोगो को इस बार स्थान नहीं मिला है। इसके अलावा पिछली सरकार में मंत्री रहे राम नरेश अग्निहोत्री, मोहसिन रजा, रमा पति शास्त्री, अतुल गर्ग,  आशुतोष टंडन, अशोक कटारिया, श्री राम चौहान, जय कुमार जैकी, अनिल शर्मा, सुरेश पासी, चौधरी उदय भान सिंह, रामशंकर सिंह पटेल, नीलिमा कटियार, महेश गुप्ता, जी एस धर्मेश का भी पत्ता काट दिया गया है।

    53 नए मंत्रियों की शपथ दिलाई गई

    शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 53 नए मंत्रियों की शपथ के साथ सरकार का गठन किया गया। इनमें 18 कैबिनेट मंत्री, 14 स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और 20 राज्यमंत्री शामिल हैं। योगी की पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी शपथ दिलायी गयी है। वहीं दूसरे उप मुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा की जगह पिछली सरकार में कानून मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को दी गयी है। इस बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की बंपर जीत में अहम भूमिका अदा करने वाले पिछड़ों और दलितों को योगी के नए मंत्रिमंडल में आधे से ज्यादा पद दिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 22 मंत्री पिछड़े वर्ग से तो 9 दलित बनाए गए हैं। मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोगों बलदेव सिंह औलख और दानिश आजाद को जगह दी गई है। सहयोगी दलों में अपना दल के आशीष, पटेल और निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

    कैबिनेट में इनको मिली जगह

    नए बने कैबिनेट मंत्रियों में बेबी रानी मौर्य, स्वतंत्रदेव सिंह, अरविंद शर्मा, राकेश सचान, आशीष पटेल, संजय निषाद, योगेंद्र उपाध्याय, जयवीर सिंह, भूपेंद्र चौधरी व धर्मपाल शामिल हैं, जबकि पिछली कैबिनेट के केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, सुरेश खन्ना, ,सूर्यप्रताप शाही, जितिन प्रसाद, अनिल राजभर, नंदगोपाल नंदी और चौधरी लक्ष्मीनारायण की जगह बरकार रखी गयी है। स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्रियों में शुक्रवार को नितिन अग्रवाल, रवींद्र जायसवाल, कपिलदेव अग्रवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश यादव, जेपीएस राठौर, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, अरुण सक्सेना और दयाशंकर मिश्रा दयालु को शामिल किया गया है। इनमें से दयाशंकर मिश्रा दयालु किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। राज्य मंत्रियों में मयंकेश्वर शरण सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गोंड, बलदेव औलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मुन्नू कोरी, संजय गंगवार, ब्रजेश सिंह, केपी मलिक, सुरेश राही, सोमेन्दंर तोमर, अनूप बाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी, राकेश राठौर गुरु जी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी और विजयलक्ष्मी गौतम शामिल हैं।