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    नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने तेलंगाना प्राधिकारियों को हैदराबाद की हुसैन सागर झील (Hussain ASagar Lake) में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी भगवान ‘गणेश की प्रतिमाओं’ (Plaster of Paris Ganesha Idol) के ‘‘आखिरी बार” विसर्जन की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि हैदराबाद शहर में यह बार-बार आने वाली समस्या है और कई निर्देश देने के बावजूद राज्य सरकार ने वहां मूर्तियों के विसर्जन पर रोक तथा प्रदूषण पर लगाम लगाने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया।

    न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर विचार के बाद यह आदेश दिया। मेहता ने कहा कि झील में प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं और विसर्जन के तुरंत बाद प्रतिमाओं को क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया जाएगा और उन्हें ठोस अपशिष्ट निस्तारण स्थलों पर ले जाया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने बहरहाल यह भी कहा कि लोगों का अनुशासन और सहयोग भी महत्वपूर्ण है। मेहता ने पीठ को आश्वस्त किया कि अगले साल तक निर्देशों को पूरी तरह लागू किया जाएगा और इस साल व्यवस्था करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

    पीठ ने कहा, ‘‘श्रीमान मेहता आप यह नहीं जानते कि झील की सफाई में काफी पैसा खर्च किया गया है। हर साल अगर आप विसर्जन करने देंगे तो फिर सौंदर्यीकरण या पैसा खर्च करने का क्या तुक है। यह बर्बादी है। आपको कदम उठाने चाहिए। आप आखिरी क्षण में आ रहे हैं।” तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 13 सितंबर को हुसैन सागर झील तथा शहर में ऐसे अन्य जलाशयों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाने के अपने आदेश में सुधार करने से इनकार कर दिया था। वृहद हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) ने आदेश में सुधार का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी।